संसद का मानसून सत्र अब तक हंगामों और टकरावों के कारण बाधित रहा है। सत्र के पहले सप्ताह में विपक्ष ने पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर दोनों सदनों में बार-बार कार्यवाही रोक दी। अब सोमवार से लोकसभा में और मंगलवार से राज्यसभा में इन गंभीर मुद्दों पर औपचारिक चर्चा की शुरुआत होने जा रही है। इससे उम्मीद की जा रही है कि सदन में तीखी बहस और कई कड़े सवाल देखने को मिल सकते हैं।
सरकार के बड़े चेहरे रखेंगे पक्ष
सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर इन दोनों संवेदनशील मसलों पर सरकार की ओर से जवाब देंगे। वहीं, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी दोनों सदनों में अपनी बात रख सकते हैं। सरकार का प्रयास रहेगा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीति के मुद्दों पर विपक्ष के आरोपों का तथ्यपूर्ण जवाब दे सके।
राहुल गांधी और खरगे की रह सकती है बड़ी भूमिका
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे दोनों ही इन मुद्दों पर विपक्ष की अगुवाई करेंगे। इसके अलावा सपा प्रमुख अखिलेश यादव, डीएमके, टीएमसी और अन्य क्षेत्रीय दलों के वरिष्ठ नेता भी चर्चा में हिस्सा लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। विपक्ष का पूरा जोर इस बात पर है कि सुरक्षा में चूक और विदेश नीति की कमजोरी को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया जाए।
शशि थरूर पर टिकी रहेंगी निगाहें
लोकसभा में इस चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद और पूर्व राजनयिक शशि थरूर पर सबकी निगाहें रहेंगी। थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रतिनिधित्व किया था और कई देशों में भारत का पक्ष रखा था। अब देखना होगा कि कांग्रेस पार्टी उन्हें इस अहम बहस में बोलने का अवसर देती है या नहीं। थरूर की अंतरराष्ट्रीय छवि और अनुभव इस बहस को एक नया आयाम दे सकते हैं।
ट्रंप के दावों को बनाएगा विपक्ष मुद्दा
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार यह दावा किया गया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध को व्यापारिक दबाव बनाकर रोका था, को विपक्ष संसद में जोरदार ढंग से उठाने वाला है। भले ही भारत सरकार ने इस दावे को पहले ही नकार दिया हो, लेकिन विपक्ष इसे भारत की कूटनीतिक कमजोरी बताकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। यह बहस काफी तीखी और बहुस्तरीय होने की संभावना है।
विदेश नीति पर लगातार हमलावर है विपक्ष
राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेता लंबे समय से विदेश नीति को लेकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर जैसे गंभीर सैन्य अभियान में भारत को कोई ठोस अंतरराष्ट्रीय समर्थन नहीं मिला। वहीं, विपक्ष का यह भी आरोप है कि पहलगाम हमले जैसी घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर खामी का संकेत देती हैं, जिसे लेकर सरकार जवाबदेह है। इस पूरे परिदृश्य में विपक्ष बहस के दौरान सरकार पर सवालों की बौछार करने वाला है।