सात हजार साल पुरानी है हमारी अविष्कार परंपरा आठवें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2023 में मुख्यमंत्री ने बताया

मुख्यमंत्री ने दिया कामयाबी का सूत्र, बोले जीवन के हर मोड़ पर यही फार्मूला देगा हल जिज्ञासा +जिद +जीत-भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2023

इंदौर- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2023 में कहा है कि जिज्ञासा और जिद, विज्ञान की जननी हैं। विज्ञान को प्रौद्योगिकी की जननी माना जाता है, पर जिज्ञासा तो विज्ञान की भी जननी है। जिज्ञासा ही हमें विज्ञान या गणित के किसी सूत्र को समझने में मदद करती है। हमारा यह लक्ष्य होना चाहिए कि हम अपनी अधिक से अधिक ऊर्जा जन-मानस में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा जागृत करने में लगायें। अगर किसी विषय के लिए जिज्ञासा हो और उसे पूरा करने की जिद न हो तो वह काम कभी पूरा नहीं हो सकता। किसी भी काम में कई गतिरोध आते हैं लेकिन यह जिद ही है, जो हमें उस काम को पूरा करने के संकल्प पर कायम रखती है। जिज्ञासा और जिद के इसी फार्मूले को ध्यान में रख कर प्रदेश में विज्ञान तकनीक और नवाचार नीति-2023 लागू की गई है।

वैज्ञानिक सोच और समझ को दैनिक जीवन का अंग बनाना, सरकार और समाज में आधुनिक तकनीकों का अधिक से अधिक उपयोग तथा नया सोचने, नया सीखने और नई पहल करने वाली पीढ़ी के निर्माण के तीन बिन्दु हमारी नीति का आधार हैं। प्रदेश में स्टार्टअप के लिए श्रेष्ठतम ईको सिस्टम विद्यमान है। मुख्यमंत्री \ अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2023 के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

डिजिटल प्रस्तुतिकरण द्वारा हुआ कार्यक्रम के लक्ष्यों का प्रदर्शन
भोपाल के मेनिट में शुरू हुए महोत्सव में केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह, प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और एमएसएमई मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. सिंह ने महोत्सव स्थल पर लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

पूर्णत: वैज्ञानिक है प्रधानमंत्री श्री मोदी की सोच

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरंभ से ही भारत की सोच वैज्ञानिक रही है। हजारों वर्षों से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत आगे रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत की इन क्षमताओं का प्रकटीकरण हुआ है। कोविड काल में आठ माह की कम अवधि में दो वैक्सीन बनाना, दुनिया के 100 से अधिक देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराना और विश्व के कई देशों के उपग्रह भारत से लांच करना भारत की प्रतिभा और क्षमता को प्रदर्शित करता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत गौरवशाली, समृद्ध, संपन्न और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में अग्रसर हो रहा है। इसमें विज्ञान और तकनीकी की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसे प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सही दिशा प्रदान की है। संपूर्ण विश्व स्वीकारता है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की सोच पूरी तरह वैज्ञानिक है।

हमारी वैज्ञानिक परंपरा सात हजार साल पुरानी

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की समृद्ध विरासत रही है। भारत भूमि ज्ञान के साथ वैज्ञानिक परंपरा की भी जननी है। आज से 7 हजार साल पहले रामायण काल में विमान की कल्पना की गई थी। महर्षि कणाद के परमाणुवाद, भास्कराचार्य के खगोल शास्त्रीय सिद्धांत प्राचीन भारतीय मेधा के प्रमाण हैं। वाराणसी और तक्षशिला औषधि विज्ञान के बड़े केन्द्र रहे। महर्षि सुश्रुत और चरक का चिकित्सा में योगदान अतुलनीय है। आर्यभट्ट और वाराहमिहिर से हमें नवग्रह की जानकारी प्राप्त होती है। भारत का दर्शन यह मानता है कि धर्म और विज्ञान एक दूसरे के समर्थक हैं। प्रसिद्ध वैज्ञानिक श्री सी.वी. रमन ने कहा था कि 20वीं सदी विज्ञान की हो सकती है लेकिन 21वीं सदी वैज्ञानिक अध्यात्म की सदी होगी।

अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2023 में सीएम ने क्यों बंद करवाए AC
मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल में पहुंचे तो उन्होंने देखा की वहीं AC चलाया जा रहा है. इसपर उन्होंने AC बंद कराने के लिए कहा. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सर्दी के दिन हैं. सभी लोग कोट-पैंट और सर्दी के कपड़े पहनकर आए हैं. उसमें ये AC चलाने की क्या जरूरत है. हमारे प्रधानमंत्री ऊर्जा बचाने के पक्षधर हैं,जब और जितनी जरूरत हो उतनी ही बिजली खर्च करो.