इंदौर में 12 नवंबर को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) परिसर में एक विशेष कार्यक्रम “प्रेरणा संवाद” का आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश शासन द्वारा किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में ब्राज़ील के पद्मश्री सम्मानित आचार्य जोनास मसेट्टी और स्वामी शुद्धिदानंद, अध्यक्ष – अद्वैत आश्रम मायावती, ‘भावी विश्व का दर्शन’ विषय पर संवाद करेंगे। इस विशेष संवाद में वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों, शोधार्थियों सहित लगभग 1500 से अधिक विद्यार्थी भाग लेंगे।
वेदांत के वैश्विक प्रचारक हैं आचार्य जोनास मसेट्टी
आचार्य जोनास मसेट्टी ब्राज़ील में वेदांत और उपनिषदीय ज्ञान के प्रचार-प्रसार में पिछले 20 वर्षों से सक्रिय हैं। वे स्वामी दयानंद सरस्वती के शिष्य हैं और भारत के कोयंबटूर स्थित आर्ष विद्या गुरुकुलम् में उन्होंने वर्षों तक वेदांत का अध्ययन किया। अध्ययन पूर्ण होने के बाद उन्होंने ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में विश्व विद्या गुरुकुलम् की स्थापना की, जहाँ अब तक 2.5 लाख से अधिक विद्यार्थी वेदांत का अध्ययन कर चुके हैं।
एक सफल मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में कार्यरत जोनास ने अपना पेशेवर जीवन त्यागकर वेदांत के प्रसार को अपना ध्येय बना लिया। भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के सेतु के रूप में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आध्यात्मिक परंपरा को सम्मान दिलाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में उनके योगदान की सराहना करते हुए उन्हें “वैदिक संस्कृति के राजदूत” के रूप में संबोधित किया था।
स्वामी शुद्धिदानंद करेंगे अद्वैत दर्शन पर संवाद
कार्यक्रम में स्वामी शुद्धिदानंद, अध्यक्ष – अद्वैत आश्रम मायावती, भी शामिल होंगे। वे रामकृष्ण मिशन परंपरा के वरिष्ठ संन्यासी हैं और 1993 में पुणे रामकृष्ण मठ से जुड़े थे। 2003 में स्वामी रंगनाथानंद जी महाराज से उन्हें संन्यास दीक्षा प्राप्त हुई।
उनके मार्गदर्शन में अद्वैत आश्रम ने वेदांत दर्शन पर कई प्रमुख प्रकाशन किए हैं। वे ‘द मैसेज ऑफ बृहदारण्यक उपनिषद्’, ‘द मैसेज ऑफ विवेक चूडामणि’, और ‘स्वामी विवेकानंद : द टर्निंग पॉइंट’ जैसी प्रसिद्ध कृतियों के संपादक भी हैं। पिछले दो दशकों से वेदांत के प्रचार में उनका योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण रहा है।
राहुल आर. वेल्लाल देंगे आचार्य शंकर स्तोत्रों की प्रस्तुति
कार्यक्रम में कर्नाटक के सुप्रसिद्ध युवा गायक राहुल आर. वेल्लाल आचार्य शंकराचार्य द्वारा रचित स्तोत्रों और भक्ति पदों का सुमधुर गायन करेंगे। ब्राज़ील से आए कलाकार भी इस अवसर पर भक्ति गीतों की प्रस्तुति देंगे। राहुल ने मात्र चार वर्ष की आयु में संगीत यात्रा की शुरुआत की थी और वर्तमान में विदुषी रंजनी-गायत्री के निर्देशन में संगीत का प्रशिक्षण ले रहे हैं।
राहुल ने भारत समेत दस देशों में अपनी प्रस्तुतियाँ दी हैं। अमेरिका के दस शहरों में उनके हालिया संगीत कार्यक्रमों को जबरदस्त सराहना मिली। उन्हें ‘युवा कला भारती’, ‘षणमुख संगीत शिरोमणि’, और ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी अवॉर्ड जैसे सम्मान प्राप्त हुए हैं। जुलाई 2024 में उन्हें ‘अस्थाना विद्वान’ की उपाधि से भी नवाज़ा गया।
भारतीय संस्कृति के प्रचार का होगा सशक्त संदेश
आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास द्वारा आयोजित इस प्रेरणा संवाद का उद्देश्य वेदांत दर्शन और अद्वैत सिद्धांत को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करना है। ब्राज़ील से लेकर भारत तक, यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक एकता, अध्यात्म और ज्ञान परंपरा के सेतु के रूप में एक सशक्त संदेश देने वाला साबित होगा।