दर्द : पहले हमें हटाने की बात नहीं की, अब कर रहे सेवा समाप्त

स्वतंत्र समय, भोपाल

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पदस्थ अतिथि शिक्षकों की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं, आलम यह है कि पहले कहा गया कि । बीच सत्र में अब अतिथियों की सेवा समाप्त नहीं होगी। मगर अब बीच सत्र में ही इन अतिथि शिक्षकों को हटा दिया गया है। जिसको लेकर प्रदेश के अलग अलग जिलों से अनेक अतिथि शिक्षक लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल पहुंचे। उन्होंने विभाग को आवेदन देते हुए बताया कि हमें बीच सत्र में से हटा दिया गया है, और हमारी बात कोई नहीं सुन रहा है, हमें दोबारा से ज्वाइनिंग दी जाए। शिक्षकों ने बताया कि इस तरह से तीनों वर्गों में 37 हजार अतिथि शिक्षक हैं जिनको बीच सत्र में से हटा दिया गया है। शिक्षक प्रवेंद्र रघुवंशी ने बताया कि उच्च पद प्रभार के कारण हम अतिथि शिक्षकों को बाहर किया जा रहा है, जो कि लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश के विरूद्ध है, लोक शिक्षण संचालनालय ने अतिथि शिक्षकों को ना हटाने की बात कही गई थी, हमारी बात कोई नहीं सुन रहा है। हम लोग रिक्वेस्ट लेकर आए हैं कि हमें बाहर नहीं किया जाए और वर्ग तीन में समायोजित किया जाए। इससे पहले हम जिला कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन दे चुके हैं। मगर वहां से कोई मदद नहीं मिली। अगर हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो हम लोग आगे मुख्यमंत्री महोदय से मिलेंगे, अगर यहां भी बात नहीं सुनी गई तो धरना प्रदर्शन करेंगे।

बच्चों की पढ़ाई होगी प्रभावित

एक अन्य शिक्षक राकेश ने बताया कि परीक्षा का समय है जो शिक्षक आए हैं,जो भी उच्च पद प्रभार चलते आए हैं, वह सभी प्राइमरी शिक्षक हैं। वह प्राइमरी शिक्षक आए हैं, उन लोगों को विषय का जानकारी नहीं है, सभी प्राइमरी टीचर को वर्ग दो में किया है, वह नवीं दसवीं के बच्चों को कैसे पढ़ाएंगे। इससे बच्चों के रिजल्ट पर फर्क पड़ेगा। क्योंकि वह प्राइमरी टीचर हैं। हम मांग कर रहे हैं कि इस सत्र में हमें रखा जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो।