मदद की भीख मांगने चीन और रूस के दरवाजे पर पहुंचा पाकिस्तान,भारत के रूख से घबराया

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े तेवरों से पाकिस्तान में खलबली मच गई है। हालात इतने तनावपूर्ण हो गए हैं कि पाकिस्तान अब अपने “पुराने दोस्तों” के सामने मदद की गुहार लगाता फिर रहा है। पहले चीन और उसके बाद रूस के सामने अपना दुखड़ा रोया।

बढ़ते तनाव की दी जानकारी
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर संपर्क किया। इस बातचीत में डार ने वांग को कश्मीर में हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की जानकारी दी।

चीन ने किया पाकिस्तान का सपोर्ट?
बताया जा रहा है कि चीन ने एक बार फिर पाकिस्तान के साथ अपने ‘हर मौसम के दोस्त’ वाले रिश्ते की मिसाल पेश की। वांग यी ने साफ कहा कि चीन पाकिस्तान की संप्रभुता और सुरक्षा हितों की पूरी तरह से हिमायत करता है। इतना ही नहीं, चीन ने पहलगाम हमले की “तत्काल और निष्पक्ष” जांच की मांग करते हुए यह भी जोड़ा कि यह संघर्ष न तो भारत के हित में है और न ही पाकिस्तान के। चीन के इस समर्थन को पाकिस्तान में बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका ने इस मामले से दूरी बनाए रखी है।

रूस से जांच दल बनाने की अपील
चीन के बाद अब पाकिस्तान ने रूस की चौखट खटखटाई है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रूस की सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि “हमें लगता है कि रूस, चीन या और भी पश्चिमी देश इस संकट को हल करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। अगर ये देश एक संयुक्त जांच दल बना सकें, तो इससे सच सामने लाया जा सकता है।”

भारत की चुप्पी से डर रहा पाकिस्तान
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से संभावित कार्रवाई की आशंका ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ‘सहारा तलाशने’ पर मजबूर कर दिया है। भारत की चुप्पी और सख्ती के बीच पाकिस्तान की ये कूटनीतिक कोशिशें साफ इशारा कर रही हैं कि इस बार नई दिल्ली का रुख बेहद निर्णायक हो सकता है।