पाकिस्तानी बहू ने MP हाई कोर्ट में लगाई न्याय की गुहार, अवैध तरीके से भारत में रूका पति

Indore News : इन दिनों इंदौर ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में एक पाकिस्तानी हिंदू कपल की शादी और तलाक का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। पाकिस्तान से शादी कर इंदौर आई, लेकिन बाद में ससुराल वालों द्वारा वापस भेजी गई बहू निकिता नागदेव ने अब न्याय के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में इसी सप्ताह सुनवाई होने की उम्मीद है।
क्यों लेनी पड़ी भारत की कोर्ट की शरण?
निकिता नागदेव की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले एडवोकेट दिनेश रावत ने इस संबंध में कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिए। उन्होंने बताया कि निकिता को भारत की कोर्ट की शरण इसलिए लेनी पड़ी, क्योंकि अपराध भारत में किया गया है।
एडवोकेट रावत के अनुसार, भारत के संविधान में अनुच्छेद 226 के तहत ‘नागरिक’ के स्थान पर ‘व्यक्ति’ शब्द का प्रयोग किया गया है। यह ‘व्यक्ति’ किसी भी देश का हो सकता है। इसी अनुच्छेद का सहारा लेते हुए पाकिस्तान की निकिता नागदेव ने हाई कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है। एडवोकेट रावत ने स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 226 ऐसे व्यक्तियों को उच्च न्यायालय से न्याय दिलाने में मदद करता है। चूँकि पति विक्रम नागदेव इंदौर में रह रहा है और निकिता को भी वह यहीं लाया था, इसलिए हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर की गई है।
शादी, वापसी और दोबारा शादी की तैयारी
पाँच साल पहले, पाकिस्तान के कराची में हिंदू युवक विक्रम नागदेव और युवती निकिता नागदेव की शादी हुई थी। विक्रम एक बार निकिता को भारत लेकर भी आया, लेकिन एक महीने बाद ही वापस पाकिस्तान भेज दिया। निकिता पति के पास लौटने का इंतजार कर रही थी, लेकिन उसे पता चला कि विक्रम ने दिल्ली की एक युवती से सगाई कर ली है और वह 10 मार्च 2026 को शादी करने की तैयारी में है।
इसके बाद, निकिता ने इंदौर में समाज की पंचायत से गुहार लगाई कि वे शादी रुकवाएँ। पंचायत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इंदौर कलेक्टर को पत्र लिखकर युवक को ‘देश निकाला’ देने की सिफारिश भी की।
हाई कोर्ट में क्या है निकिता का आरोप?
पंचायत और कलेक्टर कार्यालय से न्याय न मिलने के बाद, पाकिस्तान के कराची में रह रही निकिता ने अंततः इंदौर हाई कोर्ट का रुख किया है। निकिता ने याचिका में अपने पति विक्रम नागदेव पर भारत में अवैध रूप से संपत्ति खरीदने का आरोप लगाया है और मांग की है कि इस मामले की जांच कराई जाए। निकिता को उम्मीद है कि भारत का न्याय तंत्र उसे न्याय दिलाएगा।