Panch Kalyanak Mahotsav: जय अहिंसा का घोष- दिन में शादी, दिन में भोज

स्वतंत्र समय, इंदौर

दलालबाग में आयोजित सात दिवसीय पंचकल्याणक महोत्सव ( Panch Kalyanak Mahotsav ) के दौरान मुनिश्री विमल सागर जी महाराज ने सभी श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।  क्या, कब, कहाँ, कैसे, कितना और क्यों ये प्रश्न करके कोई भी कार्य करने वाला व्यक्ति विवेकी होता है। निद्रा और भूख जितना बढ़ाओगे उतना बढ़ेगी। जितना घटाओगे घटती जाती हैं। इसलिए निद्रा और भूख पर नियंत्रण आवश्यक है। जीवन में जय अहिंसा का घोष- दिन में शादी, दिन में भोज के सिद्धांत कों अपनाना जरुरी है। मुनिश्री ने प्रवचन में आगे कहा कि जो माता पिता संस्कारी होते हैं उनकी संतान भी संस्कारी होती है। व्यक्ति के आचारो की व्याख्या करते आपने कहा की हमारा व्यक्तित्व हमारे द्वारा किए कार्यों में झलकता है। इसलिए आपके कदम विवेकपूर्ण बढ़ाएं। आपने महिला व पुरुषों के पांच लक्षणो कों बताते कहा की जो भी इन पांच लक्ष्यणो से युक्त होता है वही कुलभूषण, धर्म भूषण व राष्ट्र भूषण की उपाधि से सुशोभित होता है। गुरूवार को दलालबाग में दोनों ही मुनियों ने गर्भकल्याणक का महत्व पर प्रवचनों की अमृत वर्षा की।

Panch Kalyanak Mahotsav में समर्पण का उत्सव मनाया

श्री आदिनाथ दिगंबर जैन धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट एवं पंचकल्याणक महोत्सव ( Panch Kalyanak Mahotsav ) समिति मुख्य आयोजक सचिन सुपारी ने बताया कि गर्भ कल्याणक (उत्तर रूप) के तहत पात्र शुद्धि, अभिषेक, शांतिधारा, गर्भ कल्याणक पूजन, सीमान्तनी क्रिया, घटयात्रा जुलूस, नवीन मंदिर-वेदी शिखर शुद्धि संस्कार, सांस्कृतिक कार्यक्रम, अधिवासनादि, संगीतमय महाआरती, नाभिराय का राज दरबार, स्वप्नफल कथन, अष्टदेवियों द्वारा माता की सेवा, छप्पनकुमारी देवियों द्वारा भेंट समर्पण का उत्सव मनाया गया। शांतिधारा के पुण्यरजक सत्येंद्र जैन एवं अतुल जैन सुपारी परिवार थे। दलालबाग में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव में 600 इंद्र-इंद्राणियों के साथ ही बड़ी संख्या में समाज बंधु यहां पहुंचकर प्रवचनों का लाभ ले रहे हैं। गुरूवार को दिलीप जैन (नेताजी), राजेश जैन दद्दू, महेंद्र जैन चुकरू, सतीश डब्डेरा, अभिषेक जैन, निखिल जैन, संदीप जैन, नितीन जैन, मुकुल जैन, सत्येंद्र जैन, नवीन मातोश्री, सुयश जैन आदि मौजूद रहे।

प्रवचन होंगे

मुख्य आयोजक सचिन सुपारी, विपुल बांझल ने बताया कि शुक्रवार 22 मार्च को जन्म कल्याणक महोत्सव का उत्सव मनाया जाएगा। सुबह 5.45 बजे पात्र शुद्धि, अभिषेक शांतिधारा का नित्य पूजन होगा। 6.29 बजे से प्रभु का अवतरण (जन्म), बधाई गीत, शांति हवन, श्रीजी का पूजन एवं आचार्यश्री प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे। प्रात: 9 बजे इंद्र सभा एवं राज दरबार का पात्रों द्वारा नाटक के माध्यम से मंचन एवं इंद्राणी द्वारा प्रथम दर्शन सौधर्म इन्द्र द्वारा सहस्त्र दर्शन की विधि संपन्न होगी। प्रात: 10 बजे दलालबाग से कालानी नगर तक विशाल जन्माभिषेक का जुलूस लाव-लश्कर के साथ निकाला जाएगा। जिसमें 51 रथ, 21 ढ़ोल, 11 घोड़े, 2 बैंड़-बाजा पार्टी सहित शहनाई रथ, ऊंट रथ, नगाड़े व लवाजमा भी रहेगा। इंद्र-इंद्राणी बग्घियों में सवार होंगे तो वहीं समाज बंधु यात्रा में नाचते-झूमते मार्ग में चलेंगे। दलालबाग से प्रारंभ जुलूस कालानी नगर होते हुए पुन: दलालबाग पहुंचेगा जहां इसका समापन होगा। दोपहर 2 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं मुनिराज के आशीर्वचन होंगे। शाम 7 बजे महाआरती एवं 8 बजे से सौधर्म इंद्र का ताण्डव नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा। शनिवार 23 मार्च को तप कल्याणक, रविवार 24 मार्च को ज्ञान कल्याणक एवं 25 मार्च को मोक्ष कल्याणक के साथ ही इस सात दिवसीय महोत्सव का समापन होगा।