घटयात्रा के साथ गिरारगिरी में आज से होगा पंचकल्याणक महोत्सव का शुभारंभ आध्यात्मिक संत आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज का 27 पिच्छिधारी साधुओं के साथ आज मंगल प्रवेश, होगी भव्य अगवानी

संत आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज का 27 पिच्छिधारी साधुओं के साथ आज मंगल प्रवेश, होगी भव्य अगवानी श्रद्धालुओं में भारी उत्साह

ललितपुर। विंध्यगिरी की पर्वतमालाओं एवं धसान नदी के तट पर प्रकृति की अनुपम सुंदरता मध्य स्थित दिगम्बर जैन आदिनाथ अतिशय क्षेत्र गिरारगिरी विकासखंड मड़ावरा में चर्या शिरोमणि , आध्यात्मिक संत आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के विशाल संघ सान्निध्य में ब्र. जय कुमार जी निशांत, पंडित सनत कुमार विनोद कुमार जैन के प्रतिष्ठाचार्यत्व में 17 फरवरी से 2 2 फरवरी 2023 तक आयोजित श्री 1008 मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक मानस्तम्भ जिनबिम्ब प्रतिष्ठा, विश्वशान्ति महायज्ञ एवं रथोत्सव महोत्सव का शुभारंभ शुक्रवार को विधि विधान के साथ किया जाएगा।
महोत्सव में सान्निध्य प्रदान करने के लिए आध्यात्मिक संत चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज का विशाल संघ सहित मंगल प्रवेश 17 फरवरी की प्रातः बेला में होगा। आचार्यश्री ससंघ का गुरुवार को रात्रि विश्राम बरायठा के पास हुआ, उसके बाद शुक्रवार को प्रातः बरायठा होते हुए गिरार गिरी में भव्य मंगल अगवानी की जाएगी। आचार्यश्री के विशाल संघ की अगवानी के लिए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है।
महोत्सव में 27 साधुओं का मिलेगा सान्निध्य:
प्रचारमंत्री, मीडिया प्रभारी डॉ सुनील संचय ने बताया कि पंचकल्याणक महोत्सव में आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी सहित 27 दिगम्बर मुनि का सान्निध्य मिलेगा। आचार्यश्री के साथ उनके शिष्य श्रमण मुनि श्री सुव्रतसागर जी महाराज, श्रमण मुनि श्री अनुत्तरसागर जी , श्रमण मुनि श्री अनुपमसागर जी, श्रमण मुनि श्री आराध्य सागर जी, श्रमण मुनि श्री प्रणेय सागर जी, श्रमण मुनि श्री प्रणीत सागर जी,श्रमण मुनि श्री प्रणुत सागर जी, श्रमण मुनि श्री सर्वार्थ सागर जी, श्रमण मुनि श्री साम्य सागर जी, श्रमण मुनि श्री समत्त्व सागर जी, श्रमण मुनि श्री सौम्य सागर जी, श्रमण मुनि श्री सारस्वत सागर ,श्रमण मुनि श्री संजयंत सागर जी, श्रमण मुनि श्री संयत सागर जी, श्रमण मुनि श्री यशोधर सागर जी, श्रमण मुनि श्री योग्य सागर जी, श्रमण मुनि श्री यतींद्र सागर जी, श्रमण मुनि श्री यत्न सागर जी, श्रमण मुनि श्री निर्ग्रन्थ सागर जी, श्रमण मुनि श्री निर्मोह सागर जी, श्रमण मुनि श्री निसंग सागर जी, श्रमण मुनि श्री निर्विकल्प सागर जी, श्रमण मुनि श्री जयन्द्र सागर जी, श्रमण मुनि श्री जितेंद्र सागर जी, श्रमण मुनि श्री जयंत सागर जी, श्रमण मुनि श्री सुभग सागर जी महोत्सव में पधार रहे हैं। विशाल संघ सान्निध्य में महोत्सव देखने योग्य होगा, हजारों श्रद्धालु पुण्यार्जन करने गिरार पहुचेंगे।
पंचकल्याणक महोत्सव में शुक्रवार को घटयात्रा के साथ शुभारंभ किया जाएगा, साथ ही मंगल ध्वज स्थापना, वेदी शुद्धि, सकलिकरण, इंद्र प्रतिष्ठा, मंडप प्रतिष्ठा, याग मंडल विधान तथा इंद्र दरबार लगाया जाएगा जिसमें गर्भ कल्याणक के पूर्व रूप को मंचित किया जाएगा।
महोत्सव समिति व विधायक ने लिया आशीर्वाद : पद विहार के दौरान गुरुवार को अतिशय क्षेत्र गिरार की जी ट्रस्ट कमेटी, प्रबंध कमेटी ,महामहोत्सव समिति, समस्त क्षेत्रीय समाज एवं समस्त स्वयंसेवी संस्थाओं ने दोपहर में ग्राम गुगरा पहुंचकर आचार्यश्री के लिए सीफल समर्पित आशीर्वाद लिया। यहीं पर आचार्यश्री ससंघ की आहारचर्या हुई। इस मौके पर बंडा विधायक तरवर सिंह ने आचार्यश्री से आशीर्वाद ग्रहण किया।
गिरार पंचकल्याणक महोत्सव समिति
महा महोत्सव एवं ट्रस्ट कमेटी अध्यक्ष संतोष जी जैन घड़ी सागर, महा महोत्सव के महामंत्री अजित जैन स्टील मडावरा,आशीष चौधरी मड़ावरा, प्रकाश जैन मेडिकल मडावरा, आलोक जैन बरायठा ,
प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष विनोद चंदेरिया, महामंत्री अभिषेक जैन दीपू मड़ावरा , कोषाध्यक्ष मुकेश जैन, महा महोत्सव कार्यकारी अध्यक्ष प्रकाश चंद्र बरायठा,चक्रेश जैन बरायठा, राजेंद्र जैन राजू , राकेश जैन खुटगुआ वाले , कोषाध्यक्ष जिनेंद्र जैन मड़ावरा, कमलेश जैन, वीरेंद्र जैन,प्रदीप जैन मड़ावरा, राजेश जैन रज्जू, त्रिलोक जैन, प्रीतेश जैन, अभिषेक आदि निरंतर पंचकल्याणक की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
पंचकल्याणक के लिए मुख्य पंडाल , आवास, भोजन, बिजली, पानी, सुरक्षा आदि के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं। आयोजन स्थल को दुल्हन की तरह सजाया गया है।

पंचकल्याणक के पात्रों की हुई रिहर्सल :
पंचकल्याणक महोत्सव माता-पिता, अष्ट कुमारी,सौधर्मेन्द्र से लेकर उपेंद्र ,महामंडलेश्वर ,मंडलेश्वर तक सभी पात्रों की रिहर्सल संगीतकार राम कुमार एंड पार्टी भोपाल एवं मंच कलाकार मनोज शर्मा कंठस्थ कला केंद्र एंड पार्टी दिल्ली द्वारा कराई गई। प्रतिदिन पंचकल्याणक के पात्र अपने हिस्से का मंचन करेंगे।