CM यादव के बेटे की शादी में आए पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, 20 अन्य जोड़ों के साथ सामूहिक विवाह सम्मेलन में लिए 7 फेरे

Ujjain News : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को सादगी और सामाजिक समरसता की एक अनूठी मिसाल पेश की। उन्होंने अपने छोटे बेटे डॉ. अभिमन्यु का विवाह उज्जैन में आयोजित एक सामूहिक विवाह समारोह में 20 अन्य जोड़ों के साथ संपन्न कराया। इस भव्य लेकिन सादे समारोह में डॉ. अभिमन्यु ने डॉ. इशिता के साथ सात फेरे लिए।

यह आयोजन इसलिए भी खास बन गया क्योंकि एक ही पंडाल के नीचे मुख्यमंत्री के बेटे के साथ समाज के सामान्य वर्ग के बेटे-बेटियों की शादी हुई, जिससे समानता और आत्मीयता का गहरा संदेश गया। कार्यक्रम का संचालन योग गुरु स्वामी रामदेव ने मंत्रोच्चार के साथ किया और सभी 21 नव-दंपतियों को आशीर्वाद दिया।

सादगी और समरसता की मिसाल

इस पहल की सराहना करते हुए योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि डॉ. मोहन यादव ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने इस तरह का अनुकरणीय कदम उठाया है।

“यह देश के प्रभावशाली, राजनीतिक और धनी व्यक्तियों के लिए एक अनुकरणीय पहल है। इस प्रक्रिया के अनुसरण से शादियों में होने वाले अपव्यय को रोका जा सकेगा और मध्यम तथा निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों को प्रेरणा मिलेगी।” — स्वामी रामदेव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में सनातन परंपरा के अनुसार विवाह कार्यक्रम हो रहे हैं और इस सामूहिक समारोह में समाज के सभी वर्गों के नव-दंपति शामिल हैं, जिनमें अनुसूचित जाति-जनजाति के वर-वधू भी हैं। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने भी इसे सामाजिक समरसता का श्रेष्ठ उदाहरण बताते हुए सभी नव-दंपतियों को बधाई दी।

संतों और VVIP मेहमानों ने दिया आशीर्वाद

कार्यक्रम में पहुंचे बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी ऐसे कम खर्च वाले विवाह समारोहों को प्रोत्साहन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग को ऐसी व्यवस्था को अपनाना चाहिए।

“इस विवाह समारोह के माध्यम से श्रीमद्भगवद्गीता का संदेश जीवंत हो रहा है। यहां भेदभाव से परे सामाजिक समरसता का दृश्य नजर आ रहा है।” — पं. धीरेंद्र शास्त्री

इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत श्री रवींद्र पुरी महाराज और महामंत्री स्वामी हरि गिरि महाराज की ओर से सभी 21 नव-दंपतियों को एक-एक लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की गई।

नव-दंपतियों को आशीर्वाद देने के लिए कई बड़े नेता और गणमान्य व्यक्ति भी पहुंचे। इनमें कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उईके समेत कई मंत्री, विधायक और जनप्रतिनिधि शामिल थे। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।