स्वतंत्र समय, नर्मदापुरम
नर्मदापुरम नगर पालिका में राजस्व वसूली और नगर पालिका द्वारा जारी की जाने वाली रसीदों की जांच से नपा कर्मचारी और अधिकारियों में हडक़ंप मचा हुआ है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी नवनीत पाण्डेय ने सहायक लेखा अधिकारी देवेंद्र सिंह बघेल को नपा द्वारा रसीदों की जांच के लिए नियुक्त किया है। अब सहायक लेखाधिकारी पंद्रह दिन के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करना है। लेकिन इस मामले की जांच कछुआ गति चल रही है। सहायक लेखाधिकारी की जांच पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि
प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार होने के बाद एक बार फिर नगर पालिका में राजस्व शाखा से जारी रसीदों का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। सीएमओ नवनीत पाण्डेय को इस इस बारे मे नगर पालिका के ही कर्मचारी द्वारा संज्ञान में लाया गया है। जिसके बाद जांच की जा रही है। नगर पालिका द्वारा संपत्तिकर, जलकर व अन्य करो की जमा राशि के लिए जारी की गई रसीद व राजस्व रिकार्ड में मिलान नहीं हो रहा है।जिसका जिक्र सीए की ऑडिट रिपोर्ट में भी सामने आया है। सूत्रों की माने तो नपा द्वारा जमा रसीद की राशि नगर पालिका के खाते में जमा नहीं की गई है। जिसके चलते करोड़ों रूपए की आर्थिक अनियमितता व गबन की आशंका जताई जा रही है। नगर पालिका द्वारा संपत्तिकर, जलकर, समेकित कर, नगरीय विकास उपकर, शिक्षा उपकर एवं अन्य कर के रूप में जनता से वसूली जाने वाली राशि में हेराफेरी की गई है।
पूर्व में भी जांच के लिए बना था दल
नगर पालिका की जमा रसीद और कोष में जमा राशि का मिलान के लिए पूर्व में भी जांच दल गठित किया जा चुका है। नपा ने 7 जून 2022 में जांच दल में कार्यालय अधीक्षक, लेखापाल, राजस्व उपनिरीक्षक, सहायक राजस्व निरीक्षक और सहायक ग्रेड तृतीय वर्ग को शामिल किया गया था। सूत्रों के अनुसार आधे पेज की नोटशीट पर पूर्ण कार्यवाही समाप्त कर दी गई थी। तत्कालीन सीएमओ ने नगर पालिका की संपत्तिकर शाखा में भ्रष्टाचार के संबंध में संयुक्त संचालक नर्मदापुरम संभाग और आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास को भी पत्र लिखा था। लेकिन उस वक्त मामला दब गया था। नगर पालिका के कर्मचारी हरीश गोस्वामी को भी पूर्व में 4 जुलाई 2022 को विकास शुल्क एवं प्रशमन शुल्क की राशि एवं रसीद का विवरण प्रस्तुत नहीं करने के लिए नपा द्वारा पत्र जारी किया गया था। जिसके बाद फिर 26 सितंबर 2022 को राशि एवं रसीद के मिलान के लिए पत्र जारी किया गया था। इसी प्रकार 7 जून 2022 को दैनिक वेतन भोगी कम्प्यूटर ऑपरेटर भुवन मेहता को रसीदों की राशि नपा के कोष में जमा करने की वस्तुस्थिति जानने के लिए पत्र दिया जा चुका है। लेकिन इस बार मामला सुर्खियों में होने के कारण शहर में जनचर्चा बन चुका है।
नपा कर्मचारी आरटीआई में नहीं करा रहे दस्तावेज उपलब्ध
नगर पालिका के द्वारा जारी रसीदों की मिलान का मुद्दा लगभग 2 वर्षों में सिर्फ कागजों तक ही सीमित होकर रह गया। जिस पर नपा के कर्मचारी धूल डालने में लगे हुए है। आरटीआई में खुलासे से बचने के लिए भ्रमित जबाव देकर समय निकाला जाता है। कई मामले में राज्य सूचना आयोग के आदेश के बाद भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, ताकि भ्रष्टाचार का मामला दबा रहे। पूर्व में जांच के लिए नगर पालिका के द्वारा जारी पत्रों को आरटीआई में मांगने पर साफ इंकार कर दिया जाता है कि उनके द्वारा राजस्व शाखा से पत्र जारी नहीं किए गए है। सूचना के अधिकार अधिनियम को नगर पालिका को अपने हिसाब से चला रही है। जिसमें न तो नियमों का पालन किया जा रहा है और न ही आयोग के आदेशों का पालन किया जा रहा है।
इनका कहना है…
शिकायतकर्ता द्वारा साक्ष्य उपलब्ध करा दिए गए जिसके बाद निकाय के 4-5 कर्मचारियों को पत्र जारी कर जबाव मांगा गया है।
– देवेंद्र सिंह बघेल, सहायक लेखा अधिकारी