“हमने प्यार किया, शादी की, अब क्यों उसे किसी और से जबरन शादी करने को मजबूर किया जा रहा है?” ये शब्द हैं मोहित सेन के जिनकी आंखों में दर्द है और आवाज़ में टूटन। ग्वालियर जिले के डबरा निवासी मोहित ने 6 मई 2025 को अपनी प्रेमिका मनोरमा कुशवाह से आर्य समाज मंदिर में विधिवत शादी की थी। लेकिन अब, शादी को एक महीना भी नहीं हुआ, मोहित कलेक्टर दफ्तर से लेकर एसपी ऑफिस के चक्कर काट रहा है। मनोरमा के परिवारवाले उसे जबरन दूसरी शादी करने को मजबूर कर रहे हैं।
कॉलेज में पनपी मोहब्बत, समाज से टकराई हकीकत
मोहित और मनोरमा की मुलाकात बामौर के एक कॉलेज में हुई थी। पढ़ाई के दौरान दोनों में दोस्ती हुई और फिर प्यार। लेकिन जब रिश्ते को नाम देने की बारी आई, तो समाज की पुरानी दीवार, जाति और बीच में आ गई। परिवारों ने इस रिश्ते को ठुकरा दिया। ऐसे में दोनों ने घर से भागकर आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। शादी के कुछ दिन बाद मनोरमा ने कहा कि वह अपने परिवार को मनाने मायके जाना चाहती है। मोहित ने उस पर भरोसा किया। लेकिन कुछ ही दिन में उसे फोन आया कि मनोरमा की जबरन दूसरी शादी कराई जा रही है।
मोहित का डर – कहीं सोनम रघुवंशी जैसी कहानी न बन जाए
मोहित को डर है कि अगर मनोरमा को जबरन किसी और से शादी करने पर मजबूर किया गया, तो इंदौर की सोनम रघुवंशी जैसी दर्दनाक घटना दोहराई जा सकती है। सोनम की कहानी आज भी लोगों के जेहन में ताजा है, जिसने समाज की जंजीरों से आजिज़ आकर अपनी जान ले ली थी। मोहित कहते हैं, “हमने कानून के मुताबिक शादी की है। मेरे पास आर्य समाज का सर्टिफिकेट है। फिर भी मेरी पत्नी को मुझसे अलग किया जा रहा है। अगर जबरन शादी हुई तो हालात बिगड़ सकते हैं। प्रशासन को अभी साथ देना चाहिए।”
प्रशासन ने दिया कार्रवाई का भरोसा
मोहित की शिकायत पर ग्वालियर के SDM विनोद सिंह ने पुष्टि की कि युवक ने आर्य समाज से शादी की है और उसे पुलिस से मदद दिलाने का आश्वासन दिया गया है। लेकिन क्या सिर्फ यही पर्याप्त है? जब दोनों बालिग हैं और उनकी शादी कानूनी रूप से वैध है, तो फिर क्यों उन्हें समाज की स्वीकृति का मोहताज बनना पड़ रहा है?
नई पीढ़ी की नई सोच, लेकिन पुरानी बेड़ियां
मोहित और मनोरमा की कहानी सिर्फ एक जोड़े की नहीं, बल्कि हर उस युवा दिल की है जो प्यार करता है, लेकिन जाति, मान-सम्मान और सामाजिक परंपराओं की बेड़ियों में जकड़ दिया जाता है।