मध्य प्रदेश के लिए यह बेहद गर्व का पल है, क्योंकि भारत सरकार ने पन्ना के प्रसिद्ध हीरे को आधिकारिक रूप से GI (Geographical Indication) टैग प्रदान किया है। इस मान्यता के साथ न केवल पन्ना के हीरे की विशिष्टता को नई पहचान मिलेगी, बल्कि “पन्ना डायमंड” के नाम से इसकी ब्रांड वैल्यू भी तेजी से बढ़ेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस उपलब्धि पर पूरे प्रदेशवासियों को बधाई दी और इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।
सीएम मोहन यादव ने बताया राज्य के लिए गौरवपूर्ण क्षण
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने X पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि पन्ना का डायमंड अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई चमक बिखेरेगा। उन्होंने लिखा कि GI टैग मिलना न सिर्फ पन्ना जिले के लिए, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के लिए गर्व की बात है।
उनके अनुसार, यह कदम स्थानीय युवाओं, कारीगरों, कारोबारियों और हीरा व्यवसाय से जुड़े सभी लोगों के लिए नए अवसर लेकर आएगा तथा पन्ना की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देगा।
पन्ना के लोगों और कारीगरों की सालों पुरानी इच्छा पूरी
कई वर्षों से पन्ना के हीरे को एक अलग पहचान दिलाने की मांग की जा रही थी। GI टैग मिलने के बाद अब यह सपना पूरा हो गया है। यह टैग न सिर्फ स्थानीय कारीगरों और व्यापारियों के लिए सम्मान का विषय है, बल्कि यह पन्ना को अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी एक विशिष्ट स्थान दिलाने वाला है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि पन्ना का हीरा, मध्य प्रदेश का 21वां उत्पाद बन गया है जिसे GI टैग की मान्यता मिली है।
ढाई साल की लंबी प्रक्रिया के बाद मिली सफलता
पन्ना के जिला हीरा अधिकारी रवि पटेल ने जानकारी दी कि GI टैग के लिए प्रक्रिया 7 जून 2023 को शुरू की गई थी। लगभग ढाई साल की मेहनत और दस्तावेज़ीकरण के बाद यह मान्यता प्राप्त हुई है। पन्ना के हीरे को प्राकृतिक श्रेणी (Natural Category) में GI टैग जारी किया गया है, जो इसकी प्रामाणिकता और विशिष्ट गुणों को प्रमाणित करता है।
GI टैग से बढ़ेगी ब्रांड वैल्यू और राज्य का राजस्व
हीरा अधिकारी के अनुसार, GI टैग मिलने से “पन्ना डायमंड” के नाम की ब्रांड वैल्यू में बड़ा इजाफा होगा। बाजार में अब पन्ना के हीरे को एक अलग पहचान मिलेगी और इसके मूल्य में भी वृद्धि होगी। बिक्री बढ़ने का सीधा असर प्रदेश के राजस्व पर पड़ेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
पतली कार्बन लाइन बनाती है पन्ना के हीरे को खास
पन्ना डायमंड को विशेष बनाती है इसकी अंदर मौजूद बेहद सूक्ष्म कार्बन लाइन, जो इसे विश्व के अन्य हीरों से अलग पहचान देती है। इस पतली कार्बन लाइन की वजह से पन्ना के हीरे को विभिन्न डिजाइन और कटिंग में ढाला जा सकता है। अब यह एक आधिकारिक ब्रांड बन चुका है, जिसे ग्राहक प्रमाणपत्र के साथ खरीद सकेंगे।
दूसरे हीरों को ‘पन्ना डायमंड’ के नाम से बेचने पर रोक
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि GI टैग के बाद अब कोई भी व्यापारी दूसरे हीरों को “पन्ना डायमंड” के नाम पर नहीं बेच पाएगा। जिस ग्राहक को पन्ना का असली हीरा चाहिए, उसे अब प्रमाणित लेबल के साथ हीरा प्राप्त होगा, जिससे पारदर्शिता और विश्वास दोनों बढ़ेंगे। इस कदम से फर्जी बिक्री और गलत ब्रांडिंग पर भी रोक लगेगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकेगा ‘पन्ना डायमंड’
हीरा नगरी जिला पन्ना के हीरे को भारत सरकार द्वारा GI (Geographical Indication) टैग मिलना सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के लिए गौरव का विषय है।
यह पन्ना के युवाओं, कारीगरों और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा। pic.twitter.com/Wy6YQFFtkL
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 15, 2025