Parenting Tips: बच्चों की मासूम बातें हर किसी का दिल जीत लेती हैं, लेकिन जब वही बच्चा मां-बाप से झूठ बोलने लगे, तो चिंता होना लाजमी है। कई माता-पिता इसे बच्चे की शरारत समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, पर सच यह है कि बच्चों का झूठ बोलना अक्सर परिवार के माहौल और माता-पिता के व्यवहार से जुड़ा होता है।
बच्चे बहुत अच्छे ऑब्जर्वर होते हैं वे जो देखते हैं, वही सीखते हैं। अगर परिवार में झूठ बोलना आम बात हो, या बच्चा डर के कारण सच छुपाने लगे, तो वह धीरे-धीरे झूठ बोलना अपनी आदत बना लेता है। आइए जानते हैं वो 4 आम गलतियां, जो बच्चों को झूठ बोलने के लिए मजबूर कर देती हैं।
1. बच्चों को डराकर सुधारने की कोशिश
अक्सर माता-पिता सोचते हैं कि डांटने या डराने से बच्चा सुधर जाएगा। लेकिन हकीकत ये है कि डर के कारण बच्चा सच छुपाने लगता है और छोटी-छोटी बातों पर भी झूठ बोलने लगता है, ताकि डांट न पड़े।
2. खुद झूठ बोलकर बच्चे से बात मनवाना
‘अगर दवा नहीं पी तो डॉक्टर इंजेक्शन लगा देगा’ ऐसे झूठे वादे या डर दिखाने वाले संवाद बच्चों में भी झूठ बोलने की सोच पैदा करते हैं। जब माता-पिता ही बहाने बनाते हैं, तो बच्चा भी वही तरीका अपनाता है।
3. बच्चे के सामने बार-बार झूठ बोलना
अगर घर में लगातार झूठ बोला जा रहा है, जैसे फोन पर ‘बोल दो घर पर नहीं हैं’, तो बच्चा भी यही सीखता है कि सच से ज्यादा आसान है झूठ बोलना।
4. दूसरों के सामने बच्चे को नीचा दिखाना
जब आप किसी के सामने अपने बच्चे की गलतियां गिनवाते हैं या उसे शर्मिंदा करते हैं, तो बच्चा अगली बार अपनी गलती छुपाने के लिए झूठ बोलने लगता है।
कैसे छुड़ाएं झूठ बोलने की आदत?
बच्चे से प्यार से बात करें, उसे समझाएं कि झूठ बोलने से रिश्तों पर असर पड़ता है और विश्वास टूटता है। उसे विकल्प बताएं – जैसे गलती होने पर माफ़ी मांगना, या सच बोलकर मदद लेना। सबसे जरूरी बात बच्चे को सुरक्षित और सुना हुआ महसूस कराना, ताकि वह बिना डर के सच बोल सके