Parenting Tips: क्या आपके बच्चे भी बात-बात पर करते हैं बहस? डांटने की जगह ऐसे करें हैंडल, तुरंत सुधरेगी आदत

Parenting Tips: बच्चों का शरारत करना या बात नहीं सुनना एक सामान्य बात है, लेकिन अगर आपका बच्चा हर बात पर बहस करने लगे तो यह माता-पिता के लिए चिंता का विषय हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में बहस करने की आदत अक्सर उनकी जिज्ञासा और आत्म-विश्वास का संकेत हो सकती है, लेकिन अगर यह आदत जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो इसे सही ढंग से संभालने की जरूरत होती है। तो आइए जानते हैं 7 असरदार टिप्स, जिनसे आप अपने बच्चे की बहस करने की आदत को सुधार सकते हैं।

धैर्य रखें और बच्चे की पूरी बात सुनें
बहस की स्थिति तब बनती है जब बच्चा खुद को ठीक से व्यक्त नहीं कर पाता और पेरेंट्स बीच में टोक देते हैं। इसलिए, बच्चे की बात पूरी सुनें, इससे उन्हें यह लगेगा कि आप उनकी राय की कद्र करते हैं।

डांटने की बजाय सख्त लहजे में जवाब दें
जब बच्चा बहस करने लगे, तो गुस्से में आकर डांटने की बजाय सख्त शब्दों में जवाब दें। ज्यादा चीखने-चिल्लाने से समस्या और बढ़ सकती है।

बच्चे को सही-गलत का फर्क सिखाएं
आप उन्हें बताएं कि कब बहस करना ठीक है और कब नहीं। उदाहरण देकर उन्हें समझाएं कि बेवजह बहस करना गलत है।

पॉजिटिव कम्युनिकेशन का माहौल बनाएं
घर में ऐसा माहौल बनाएं, जहां बच्चा बिना डर के अपनी राय रख सके। इससे वह सही तरीके से अपनी बात को पेश करना सीखेगा।

तारीफ करें जब वह शांति से बात करें
जब बच्चा बिना बहस किए अपनी बात को शांति से रखे, तो उसकी तारीफ करें। इससे वह जल्दी ही समझेगा कि शांति से बात करना ज्यादा प्रभावी है।

नियम तय करें और स्पष्ट करें
घर में नियम बनाएं कि कोई भी अपनी बात रखते समय ऊंची आवाज में बहस न करे। सभी को इन नियमों का पालन करना चाहिए, चाहे वह बड़ा हो या छोटा।

खुद बनें उदाहरण
अगर आप खुद हर बात पर बहस करेंगे, तो बच्चा भी वही सीखेगा। इसलिए, अपनी बातचीत में संयम और सम्मान दिखाएं।