Parenting Tips: क्या आपने कभी देखा है कि छोटे बच्चे दूध पीते-पीते ही आंखें बंद कर लेते हैं और कुछ ही पलों में गहरी नींद में चले जाते हैं? यह नजारा हर मां ने कभी न कभी जरूर देखा होगा। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर बच्चे दूध पीते हुए ही क्यों सो जाते हैं? क्या ये सिर्फ थकान की वजह से होता है या इसके पीछे कोई खास कारण छिपा है? आइए, आपको बताते हैं इस क्यूट लेकिन दिलचस्प आदत के पीछे की असली वजहें।
1. दूध पीने से मिलता है सुकून
बच्चों के लिए मां का दूध सिर्फ पोषण का जरिया नहीं होता, बल्कि ये उन्हें मानसिक और शारीरिक तौर पर भी सुकून देता है। मां की गोद में लिपटा बच्चा जब दूध पीता है, तो उसे खुद को सुरक्षित, शांत और प्यार से भरा महसूस होता है। यही सुकून उसके शरीर को रिलैक्स मोड में ले जाता है और नींद आने लगती है।
2. ‘नींद लाने वाला अमीनो एसिड’
दूध में ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड पाया जाता है, जो मेलाटोनिन नामक हार्मोन को बढ़ाने में मदद करता है। यह हार्मोन दिमाग को शांत करता है और नींद को बढ़ावा देता है। इसलिए जब बच्चा दूध पीता है, तो यह नेचुरल प्रोसेस नींद को और तेजी से बढ़ा देती है।
3. चूसने की प्रक्रिया से मिलती है राहत
जब बच्चा मां का स्तन या बोतल चूसता है, तो यह क्रिया उसे शारीरिक और मानसिक आराम देती है। उसके मुंह और चेहरे की मांसपेशियों में तनाव कम होता है और शरीर में धीरे-धीरे नींद की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
4. दूध पीने से होती है हल्की थकावट
आपको भले ही लगे कि दूध पीना कोई मेहनत का काम नहीं है, लेकिन छोटे बच्चों के लिए ये एक मेहनतभरी प्रक्रिया होती है। बार-बार चूसना, निगलना और सांस लेना ये सब एक साथ करना उन्हें थका देता है। और जैसे ही शरीर थकता है, बच्चा सो जाता है।
5. मां-बच्चे के रिश्ते को बनाता है खास
दूध पीते-पीते सो जाना एक बहुत ही खूबसूरत प्रक्रिया है, जो मां और बच्चे के बीच के रिश्ते को और मजबूत बनाती है। इससे बच्चा न सिर्फ प्यार महसूस करता है, बल्कि उसे यह भी भरोसा होता है कि वो सुरक्षित है।