Partho Ghosh: नहीं रहे मशहूर डायरेक्टर पार्थो घोष, हार्ट अटैक से हुई मौत, सदमे में सितारे

Partho Ghosh: हिंदी सिनेमा के दिग्गज फिल्म निर्माता और निर्देशक पार्थो घोष अब हमारे बीच नहीं रहे। 9 जून 2025 को 75 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। मुंबई के मढ आइलैंड स्थित उनके आवास पर सुबह इस दुखद घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया। पार्थो घोष ने 1990 के दशक में अपनी अनूठी कहानी कहने की शैली और मनोवैज्ञानिक थ्रिलर फिल्मों के जरिए हिंदी सिनेमा में एक खास मुकाम हासिल किया था।
पार्थो घोष का सिनेमाई सफर

8 जून 1949 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में जन्मे पार्थो घोष का बचपन साहित्य, कला और संगीत के माहौल में बीता। सिनेमा के प्रति उनका जुनून उन्हें फिल्म इंडस्ट्री की ओर ले गया। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने 1985 में बंगाली सिनेमा में सहायक निर्देशक के रूप में की, लेकिन जल्द ही वे हिंदी सिनेमा की ओर रुख कर गए। 1991 में उनकी पहली निर्देशकीय फिल्म 100 डेज रिलीज हुई, जिसमें माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ मुख्य भूमिकाओं में थे। यह एक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर थी, जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया और पार्थो को एक उभरते हुए निर्देशक के रूप में स्थापित किया।

इसके बाद उन्होंने गीत (1992), दलाल (1993), और तीसरा कौन (1994) जैसी फिल्मों का निर्देशन किया, जिन्होंने उनकी कहानी कहने की क्षमता को और मजबूत किया। हालांकि, 1996 में रिलीज हुई उनकी फिल्म अग्नि साक्षी ने उन्हें व्यापक प्रसिद्धि दिलाई। इस फिल्म में नाना पाटेकर, जैकी श्रॉफ और मनीषा कोइराला की शानदार तिकड़ी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह फिल्म एक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर थी, जिसने न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल की, बल्कि पार्थो की सिनेमाई समझ को भी रेखांकित किया।

1997 में रिलीज हुई गुलाम-ए-मुस्तफा एक और मील का पत्थर साबित हुई। नाना पाटेकर और रवीना टंडन अभिनीत इस फिल्म ने एक अंडरवर्ल्ड डॉन की भावनात्मक यात्रा को दर्शाया, जो आज भी सिनेमा प्रेमियों के बीच लोकप्रिय है। इसके अलावा, पार्थो ने बंगाली सिनेमा में भी योगदान दिया और कई टेलीविजन शो का निर्देशन किया। उनकी आखिरी फिल्म मौसम इकरार के दो पल प्यार के 2018 में रिलीज हुई थी, और खबरें थीं कि वे 100 डेज और अग्नि साक्षी के सीक्वल पर काम कर रहे थे।