पातालपानी-कालाकुंड हेरिटेज ट्रेन का सफर थमा, महू-खंडवा ब्रॉड गेज लाइन के लिए बंद हुआ संचालन

इंदौर। खूबसूरत वादियों, झरनों और सुरंगों के बीच से गुजरने वाली प्रसिद्ध पातालपानी-कालाकुंड हेरिटेज ट्रेन का सफर अब थम गया है। पश्चिम रेलवे ने महू-खंडवा गेज परिवर्तन परियोजना के चलते इस मीटर गेज ट्रेन का संचालन अनिश्चित काल के लिए बंद करने की घोषणा की है। रविवार को इस ट्रेन ने अपना आखिरी सफर पूरा किया, जिसके बाद यह इतिहास का हिस्सा बन गई।

यह ट्रेन साल 2018 में शुरू हुई थी और बहुत कम समय में ही पर्यटकों, खासकर प्रकृति प्रेमियों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गई थी। डॉ. आंबेडकर नगर (महू) से कालाकुंड के बीच चलने वाली यह ट्रेन मॉनसून के दौरान अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती थी, जब चारों ओर हरियाली और झरने जीवंत हो उठते थे।

क्यों बंद किया गया संचालन?

रेलवे के अनुसार, महू से खंडवा तक मीटर गेज लाइन को ब्रॉड गेज में बदलने का काम तेजी से चल रहा है। इसी परियोजना के तहत पातालपानी-कालाकुंड के बीच मौजूद मीटर गेज ट्रैक को भी उखाड़ा जाएगा और उसकी जगह नई ब्रॉड गेज लाइन बिछाई जाएगी। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने पुष्टि की कि गेज परिवर्तन के कारण ट्रेन का संचालन बंद किया गया है।

यह नई ब्रॉड गेज लाइन मुंबई-दिल्ली मार्ग के लिए एक वैकल्पिक और छोटा रास्ता भी प्रदान करेगी, जिससे भविष्य में ट्रेनों की आवाजाही सुगम होगी।

विस्टाडोम कोच के साथ वापसी की उम्मीद

हालांकि मीटर गेज पर चलने वाली यह हेरिटेज ट्रेन अब इतिहास बन गई है, लेकिन रेलवे ने भविष्य में इस रूट पर पर्यटन को जीवित रखने की योजना बनाई है। अधिकारियों के अनुसार, नई ब्रॉड गेज लाइन बनने के बाद इस पर विस्टाडोम कोच वाली एक विशेष ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है। विस्टाडोम कोच में बड़ी कांच की खिड़कियां और पारदर्शी छत होती है, जिससे यात्री प्रकृति का बेहतर अनुभव कर पाते हैं।

पर्यटक निराश, स्थानीय व्यवसाय प्रभावित

हेरिटेज ट्रेन के बंद होने की खबर से पर्यटक और स्थानीय लोग काफी निराश हैं। अंतिम दिनों में ट्रेन में टिकटों की भारी मांग देखी गई और कई लोगों को टिकट नहीं मिल सका। यह ट्रेन न केवल पर्यटन का केंद्र थी, बल्कि इससे कालाकुंड और आसपास के गांवों के स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता था। ट्रेन के बंद होने से उनके व्यवसाय पर सीधा असर पड़ेगा।

यह मीटर गेज लाइन ब्रिटिश काल में बनाई गई थी और इसका एक लंबा इतिहास रहा है। अब इस ट्रैक के हटने के साथ ही एक युग का अंत हो गया है। पर्यटकों को अब इस रूट पर नए रूप में ट्रेन के लौटने का इंतजार रहेगा।