पाथ इंडिया ने MP सरकार को भी लगाया है चूना, कई IAS अधिकारी हैं भ्रष्टाचार में लिप्त

मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यो में सड़क निर्माण कंपनी पाथ इंडिया के यहां मंगलवार को ईडी ने छापामार कार्रवाई की। ईडी की कार्रवाई में जहां कंपनी का अनिल अंबानी के साथ हजारों करोड़ रुपये दुबंई में शेल कंपनियों के जरिये ट्रांसफर करने के आरोप हैं। यहीं इसके साथ हरदा जिले में खनिज माफिया के रूप में भी कंपनी का नाम सामने आया है।
इस भ्रष्टाचार को उजागर किया है एक आरटीआय कार्यकर्ता आनंद जाट ने कार्यकर्ता ने हरदा जिला प्रशासन में आरटीआय लगा कर एक दस्तावेज निकाले थे जिसमें अवैध खनन करने वाली पाथ कंपनी पर 51 करोड़ 67 लाख रूपए पेनल्टी लगाने का मामला सामने आया है। अवैध खनन करने वाली कंपनी पाथ इंडिया ने न केवल आईएएस अधिकारियों को रिश्वत खिला कर अपने पर लगी पैनल्टी को रफा-दफा करवा दिया। पाथ इंडिया कंपनी ने 10 करोड़ की रिश्वत आईएएस अधिकारियों को भी दी ऐसा आरोप भी आरटीआय कार्यकर्ता ने दी है। तो आइए जानते है पाथ इंडिया और आईएएस अधिकारियो की सांठगाठ ने किस तरह सरकार को चुना लगाया।

आईएएस अधिकारी नागार्जून गौड़ा ने खेला खेल
आरटीआई कार्यकर्ता आनंद जाट ने बताया कि सन 2023 में हरदा जिले में पदस्थ पूर्व कलेक्टर ऋषि गर्ग और एडीएम नागार्जून गौड़ा ने 10 करोड़ की रिश्वत का मामला सामने आया था। इसकी भनक लगने पर कार्यकर्ता ने एक आरटीआय हरदा जिले में लगाई थी। जिसमें जो नकल दस्तावेज सामने आया उसमें पाथ कंपनी पर 24/02/2023 को अपर कलेक्टर प्रवीण फूलपगारे ने 51 करोड़ 67 लाख से अधिक की पैनल्टी लगाई थी। जिसमें पाथ इंडिया ने हरदा जिले में 12 लाख 70 हजार घन मीटर पर खनन करने की अनुमति ली थी। लेकिन पाथ इंडिया ने 3,लाख 05 हजार 509 घन मीटर अतिरिक्त खनन किया था। जिस पर अपर कलेक्टर ने पाथ इंडिया को नोटिस भेज कर कार्रवाई की थी। लेकिन तत्कालिन एडीएम नागार्जुन गौड़ा ने रिश्वत लेकर मामला रफा-दफा कर दिया।

बाबु पर गिरी गाज, IAS निकले साफ सुथरे
आरटीआय कार्यकर्ता आनंद जाट ने बताया कि हरदा में बड़ा रिश्वत खोरी का मामला पूर्व कलेक्टर ऋषि गर्ग और नागार्जुन गौड़ा ने किया था लेकिन इस पूरे भ्रष्टाचार के मामले से दोनो ही अधिकारी साफ सुधरे निकल गए। जब पाथ इंडिया पर अपर कलेक्टर प्रवीण फूलपगारे ने अवैध खनन के करने पर 51 करोड़ 67 लाख का अर्थदंड और प्रर्यावरण क्षति पूर्ति के लिए लगाया था लेकिन पाथ कंपनी ने दोनो आईएएस अधिकारी को रिश्वत खिला कर अपने के मिले नोटिस का सेटलमेंट 4 हजार बत्तीस रूपए में रफा-दफा कर दिया।
जबकि नोटिस में 12 लाख 70 हजार घन मीटर की घन की अतिरिक्त अनुमति करने का जिक्र है। 3 लाख 05 हजार 509 घन मीटर अतिरिक्त खनन को दरकिनार कर दिया गया। इसमें पेज 28 में खनन अधिकारियों की गलती भी बता रहे हैं और खनन अधिकारियों को बचा भी रहे हैं प्रश्न यह है कि खनन अधिकारियों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? खनन अधिकारियों ने कम्पनी के किसी भी डंपर का हिसाब किताब और RTO नंबर भी रिकॉर्ड में दर्ज करना चाहिए था लेकिन नहीं किया गया। 12 लाख 70 हजार घन मीटर की अनुमति थी लेकिन इस खनन अनुमति की सीमा से ऊपर जाकर इन्होंने 3 लाख 44 हजार 509.68 घन मीटर का अतिरिक्त खनन किया। अवैध खनन का 25 करोड़ 83 लाख 82,260 पर्यावरण पेनल्टी एवं 25 करोड़ 83 लाख 82 हजार की क्षतिपूर्ति राशि मिलाकर कुल 51,67,64,520 राशि की पेनल्टी लगाई गई थी। इसमें खनिज अधिकारियों से कोई update नहीं लिया गया।

अन्य प्राइवेट भूमिस्वामियों को खनन की अनुमति दी गई। जिसका खनन विभाग के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। पेज 2 पर इसका उल्लेख है। इस तरह से पूरे भ्रष्टाचार का खुलासा होता है लेकिन किसी भी आला अधिकारी ने इस पूरे मामले को दबा दिया।

फाइल छुपाने में संदीप बाबु को हटाया
कलेक्टर कार्यालय ने एडीएम विभाग ने खनिज अधिकारों को भी दोषी नहीं ठहराया सिर्फ एक बाबु संदीप पर फाइल गुमाने की कार्रवाई की गई। लेकिन उस पूरे मामले में दो आईएएस अधिकारी पूर्व कलेक्टर ऋषि गर्ग और एडीएम नागार्जुन गौड़ा ने पाथ कंपनी को क्लीन चीट देकर शासन को 51 करोड़ का चुना लगा दिया।
कौन है आईएएस नागार्जुन गौड़ा
डॉ. नागार्जुन गौड़ा कर्नाटक के रहने वाले हैं और पेशे से डॉक्टर रहे हैं.उन्होंने राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस से MBBS की पढ़ाई की और इसके बाद UPSC की ओर रुख किया.2018 की परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 418 हासिल की और IAS बने. इसके बाद 2019 बैच के आईएएस अफसर बने इसके साथ ही IAS अफसर सृष्टि देशमुख से नागार्जुन बी. गौड़ा की शादी पर भी खुब चर्चा हुई इसके बाद वह हरदा जिले में अपर कलेक्टर बने थे इसके बाद सरकार ने उन्हें खंडवा जिला पंचायत का सीईओ नियुक्त किया है।

पाथ कंपनी ने खूब कमाया माल
ईडी की टीम ने मंगलवार सुबह महू के पाथ इंडिया लिमिटेड (प्रकाश एस्फाल्टिंग एंड टोल हाईवेज इंडिया लिमिटेड) समूह के विरुद्ध छापामार कार्रवाई कर जांच शुरू की। हाइवे बनाने, टोल ठेके व अन्य कंस्ट्रक्शन कार्य के कांट्रेक्ट लेकर काम करने वाली पाथ कंपनी ने कई खेल किए। सूत्रों के अनुसार अनिल अंबानी समूह और पाथ इंडिया कंपनी के बीच भी कई कांट्रेक्ट को लेकर करार है। जिसको लेकर पाथ इंडिया लिमिटेड में भी मनी लांड्रिंग करते हुए करोड़ों रुपये दुबई की शेल कंपनी में भेजने की आशंका में ईडी ने यह कार्रवाई की है। टीम द्वारा 12 घंटे से अधिक समय तक कार्रवाई की गई है।