हाल ही में मध्यप्रदेश में आयुष्मान कार्ड पर इलाज कराने वाले मरीजों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। लंबे समय से अटकी आयुष्मान कार्ड के उपचार की राशि को लेकर यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने ये फैसला लिया है कि, अब आगामी 15 अप्रैल से वो मध्य प्रदेश में किसी भी निजी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड के जरिए मरीजों का इलाज नहीं करेंगे। बताया जा रहा है कि, योजना के तहत 30 दिन में भुगतान नहीं होने पर डायरेक्टर्स एसोसिएशन की ओर से ये फैसला लिया गया है।
प्रदेश के करीब 4 हजार मरीजों को रोजाना आयुष्मान कार्ड से इलाज के लिए दिक्कत होने वाली है। जानकारी के मुताबिक, लंबे समय से अटकी आयुष्मान कार्ड के उपचार की राशि को लेकर यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने एक बड़ा फैसला लिया है। यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन के फैसले के बाद प्राइवेट अस्पतालों में 15 अप्रैल से आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का इलाज पूरी तरह से बंद किया जाएगा। यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन के संरक्षक आरके पालीवाल ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत एक साल से ज्यादा समय के भुगतान पेडिंग है। इसे देखते हुए हमने यह बड़ा फैसला लिया है।
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ये है डॉक्टरों की मांग
- 31 मार्च तक का भुगतान हमें शीघ्र किया जाये
- शासन के पोर्टल पर कार्ड बन रहे हैं और बाद में फर्जी करार कर शासन रोक रही रकम को दिया जाए।
- आयुष्मान की योजना समिति में हमारा प्रतिनिधित्व दिया जाए।