नाग पंचमी पर इन 5 बातों का रखें खास ध्यान, जानें शुभ पूजा विधि और क्या करें क्या नहीं

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए सबसे शुभ और पावन समय माना जाता है। इसी माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है, जो विशेष रूप से नाग देवता की आराधना के लिए समर्पित होता है। शिव के गण माने जाने वाले नाग देव को प्रसन्न करने से शांति, समृद्धि और विशेष कृपा का आशीर्वाद मिलता है। इस वर्ष यह त्योहार 29 जुलाई, सोमवार के ठीक अगले दिन पड़ रहा है, जिसे लेकर श्रद्धालुओं में खास उत्साह है।

नाग देवता की पूजा का महत्व और विधि

नाग पंचमी के दिन प्रातः स्नान कर पवित्र मन से भगवान शिव और नाग देवता का पूजन करना अत्यंत पुण्यदायक माना गया है। पूजा के दौरान नाग देवता को दूध, पुष्प, कुशा, अक्षत और मिठाई अर्पित की जाती है। लोग दीवारों पर नाग की आकृति बनाकर अथवा चित्र स्थापित कर उनकी आरती करते हैं। यह पर्व विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है जिनकी जन्म कुंडली में कालसर्प दोष होता है। ऐसी स्थिति में नाग पूजा से दोषों का शमन होता है और जीवन में बाधाओं का अंत होता है।

इस दिन भूलकर भी न करें यह काम

नाग पंचमी पर कुछ कार्य ऐसे हैं जिन्हें वर्जित माना गया है। इन कार्यों से नाग देवता अप्रसन्न हो सकते हैं और इसका असर व्यक्ति और उसके वंशजों पर भी पड़ सकता है। परंपरागत मान्यताओं के अनुसार, इन बातों का पालन करना आवश्यक है ताकि पूजा सफल और फलदायी हो।

पहली गलती – खेत जोतना या हल चलाना वर्जित

नाग पंचमी के दिन खेतों में हल चलाना या जमीन की खुदाई करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करना धरती के नीचे रहने वाले सर्पों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे व्यक्ति पर सर्पदोष या नागदोष लग सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस दिन कृषि कार्यों को रोक देने की परंपरा आज भी कायम है।

दूसरी गलती – सर्प को नुकसान न पहुंचाएं

इस दिन किसी भी प्रकार से सर्प को चोट पहुंचाना, मारना या परेशान करना पाप माना गया है। नाग पंचमी पर नाग देव को पूजनीय मानकर सम्मान दिया जाता है। अगर अनजाने में भी किसी ने सर्प को क्षति पहुंचाई, तो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसका बुरा असर उसके पूरे परिवार पर पड़ सकता है।

तीसरी गलती – दूध का अत्यधिक उपयोग और बर्बादी से बचें

पूजा में दूध अर्पित करने की परंपरा है, लेकिन इस दिन अत्यधिक मात्रा में दूध चढ़ाना या उसे व्यर्थ बहाना अनुचित माना जाता है। ध्यान रखें कि पूजा का दूध सीमित मात्रा में हो और बर्बादी न हो, क्योंकि यह संसाधनों की अवमानना मानी जाती है और सर्पों के लिए भी हानिकारक हो सकता है।

चौथी गलती – लोहे के बर्तनों में खाना बनाने से बचें

नाग पंचमी के दिन लोहे से बने बर्तनों में भोजन पकाना या खाना निषिद्ध माना गया है। मान्यता है कि लोहे की ऊर्जा और नाग देवता के बीच सामंजस्य नहीं होता, जिससे पूजा का प्रभाव कम हो सकता है। इस दिन मिट्टी, पीतल या तांबे के बर्तनों का प्रयोग शुभ माना गया है।

पांचवीं गलती – धारदार वस्तुओं और सिलाई-कढ़ाई से दूर रहें

नाग पंचमी के दिन चाकू, कैंची, सुई जैसी धारदार चीजों का प्रयोग वर्जित है। यह दिन किसी को हानि पहुंचाने या काटने से संबंधित वस्तुओं से दूरी बनाने का है। यहां तक कि इस दिन सिलाई, बुनाई या कढ़ाई जैसे कार्य भी टालने की परंपरा है, ताकि शांति और पवित्रता बनी रहे।

पूजन का शुभ समय और सावधानी

पूजा करते समय उत्तर दिशा की ओर मुंह करके नाग देवता की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें। उन्हें हल्दी, चंदन, धूप, दीप, फूल, अक्षत और नैवेद्य अर्पित करें। दूध और मिश्री का भोग लगाएं। पूजा के बाद नाग पंचमी की कथा सुनें और परिवार की सुख-शांति के लिए प्रार्थना करें।