Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी पर PCB के तेवर पड़े ढीले, BCCI की बात मानने को तैयार लेकिन सामने रखी ये शर्त

Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के तेवर अब ढीले पड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। पाकिस्तान का यह बदलता रुख बीसीसीआई (BCCI) और आईसीसी (ICC) के साथ चल रही टकराव की स्थिति के बाद सामने आया है। पाकिस्तान पहले पूरी तरह टूर्नामेंट को अपनी धरती पर आयोजित करने की जिद पर अड़ा हुआ था, लेकिन अब वह हाइब्रिड मॉडल के लिए तैयार दिखाई दे रहा है। हालांकि, उसने इसके लिए एक शर्त भी रखी है, जो अगले 7 सालों तक लागू होगी।

PCB ने क्या शर्त रखी?

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने हाइब्रिड मॉडल पर सहमति जताते हुए इसे अगले सात सालों तक लागू करने की शर्त रखी है। पीसीबी का कहना है कि वे अगले 7 सालों तक होने वाले सभी बड़े टूर्नामेंट्स में भारत में होने वाले आयोजनों में इस मॉडल को लागू करने को तैयार हैं। यानी, पाकिस्तान की टीम को भारत में खेले जाने वाले टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए हाइब्रिड मॉडल अपनाया जाए।

हाइब्रिड मॉडल पर सहमति

पिछले कुछ हफ्तों से PCB और BCCI के बीच तकरार बढ़ी हुई थी। पाकिस्तान की टीम भारत जाने के लिए तैयार नहीं थी, और इसके कारण चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर गंभीर विवाद पैदा हो गया था। हालांकि, अब PCB ने हाइब्रिड मॉडल के तहत भारत-पाकिस्तान मैच को दुबई में आयोजित करने के लिए अपनी सहमति दे दी है। यह एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि पहले PCB पूरी तरह से पाकिस्तान में ही टूर्नामेंट आयोजित करने का पक्षधर था।

2031 तक लागू होगी शर्त

पाकिस्तान ने ICC को यह शर्त भी बताई है कि आगामी सभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट्स में 2031 तक हाइब्रिड मॉडल अपनाया जाए। इसमें भारत और श्रीलंका में 2026 में होने वाला टी20 वर्ल्ड कप, 2029 में भारत में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी और 2031 में भारत-बांगलादेश के बीच होने वाला वनडे वर्ल्ड कप शामिल हैं। पाकिस्तान की यह शर्त है कि इन आयोजनों में वह अपनी टीम को भारत भेजने के लिए तैयार नहीं है, जब तक कि हाइब्रिड मॉडल लागू नहीं किया जाता।

क्या ये शर्त सिर्फ पुरुष क्रिकेट के लिए है?

यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान की यह शर्त सिर्फ पुरुष क्रिकेट तक सीमित होगी या फिर महिला और जूनियर क्रिकेट के लिए भी इसे लागू किया जाएगा। हालांकि, PCB के इस कदम से यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान अब अपनी टीम को भारत भेजने के लिए तैयार नहीं है, जब तक कि हाइब्रिड मॉडल लागू नहीं होता।

इससे साफ है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड अब टूर्नामेंट के आयोजन के मामले में थोड़ा लचीलापन दिखा रहा है, लेकिन उसने इसके लिए अपनी शर्तें तय की हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ICC और BCCI इस प्रस्ताव को कैसे स्वीकार करते हैं और क्या आगे चलकर अन्य देशों के साथ सहयोग को लेकर कोई नए समझौते किए जाते हैं।