Pension: केंद्र सरकार ने पेंशन से जुड़े नियम में एक खास बदलाव का ऐलान किया है। दरअसल, कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने घोषणा की है कि एक महिला सरकारी कर्मचारी या पेंशन भोगी अब वैवाहिक कला के मामले में अपने पति से पहले अपने बच्चों को पारिवारिक पेंशन के लिए नॉमिनेट कर सकती है। हालांकि वर्तमान में यह पेंशन मृत्यु के बाद पति या पत्नी को दी जाती है, लेकिन सरकार ने अब नया नियम लागू किया है। जिससे उन महिला कर्मचारियों को राहत मिलेगी जिनकी अपने पति के साथ नहीं बनती है। ऐसी महिलाएं अपने बच्चों का भविष्य अच्छे से सुरक्षित कर सकती है।
अभी ये है नियम
हालांकि अभी के नियम की बात करें तो अगर किसी मृत सरकारी कर्मचारियां, पेंशनभोगी के पति या पत्नी परिवार में है तो पहले पति या पत्नी को पेंशन दी जाती है। इसके बाद बच्चे और परिवार के किसी अन्य सदस्य को। यह तब ही लागू होता है जब मृतक सरकारी कर्मचारी, पेंशनभोगी के पति या पत्नी परिवार पेंशन के लिए अपात्र होते हैं।
इसलिए लिया गया ये फैसला
यह उन महिलाओं के लिए ज्यादा अच्छा है जिन महिलाओं का संबंध तलाक की करवाई या न्यायालय में लंबित है या सरकारी महिला कर्मचारी महिला पेंशन भोगी ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया है। ऐसी महिलाएं अब अपने बच्चों को पारिवारिक पेंशन दिए जाने के लिए अपने पति की जगह वरीयता दे सकती है।
डीओपीपीडब्ल्यू के सचिव ने कहीं ये बात
डीओपीपीडब्ल्यू के सचिव वी श्रीनिवास ने कहा, महिला व बाल विकास मंत्रालय के परामर्श से डीओपीपीडब्ल्यू ने प्राप्त अभ्यावेदनों को ध्यान में रखते हुए संशोधन तैयार किया था। राजस्थान कैडर के 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी श्रीनिवास ने कहा, “संशोधन की प्रकृति प्रगतिशील है और यह पारिवारिक पेंशन मामलों में महिला कर्मचारियों को सशक्त बनाता है।”