स्वतंत्र समय, उज्जैन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने कहा कि अब हरिद्वार के तर्ज पर उज्जैन में साधु-संत स्थायी रूप से आश्रम का निर्माण कर सकेंगे। स्थायी तौर पर आश्रम बनने से साधु-संत और श्रद्धालुओं को महंगे होटलों मे ठहरना नहीं पड़ेगा। हरिद्वार हमारी आदर्श धर्म नगरी है उसी की तर्ज पर हम उज्जैन विकास प्राधिकरण के माध्यम से सभी साधु-संतों, महामंडलेश्वर, महंतों और अखाड़े के प्रमुखों को आमंत्रित कर उज्जैन में उनके आश्रम बनें इस पर प्रयास करेंगे।
CM Mohan Yadav ने आश्रम को 5 बीघा जमीन दी जाएगी
सीएम ( CM Mohan Yadav ) ने बताया कि टाउन कंट्री प्लानिंग के तहत इस योजना में अगर किसी आश्रम को पांच बीघा जमीन दी जाती है तो उसमें चार बीघा जमीन ओपन रखनी होगी। ताकि सभी आश्रम में पर्याप्त खुला स्थान मिल सके। इस योजना के तहत सिर्फ संतों को आश्रम निर्माण की छूट दी जाएगी। यहां किसी तरह के कॉमर्शियल और निजी स्तर पर उपयोग नही कर सकेगा। योजना में उज्जैन विकास प्राधिकरण के माध्यम से निर्माण कार्य होंगे।
इसलिए लिया गया यह फैसला
सीएम यादव ने कहा कि जिस प्रकार हरिद्वार मे वर्ष भर मेला क्षेत्र में कई आयोजन होते हैं उसी प्रकार उज्जैन में भी सिंहस्थ मेला क्षेत्र में आयोजन होते रहें और प्रत्येक 12 वर्ष में किए जाने वाले अस्थाई निर्माण कार्य में बार-बार सरकार का रुपया खर्च ना हो और उज्जैन में भी साधु संत आश्रमों का स्थाई निर्माण कर सके इसीलिए यह फैसला लिया गया है। सीएम यादव ने कहा कि किसान अगर साधु संतों को जमीन देना चाहे तो उज्जैन विकास प्राधिकरण के माध्यम दे सकेंगे। मेट्रो ट्रेन की मंजूरी दे दी गई है। उज्जैन एयर स्ट्रिप को हवाई अड्डे बनाने की तैयारी कर रहे हैं। आने वाले दिनों में शहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए परमानेंट फोर लेन, सिक्स लेन ये सभी अलग अलग निर्माण कार्य एक साथ शुरू करेंगे। यह सभी निर्माण कार्य इस तरह से किए जाएंगे कि सिंहस्थ के बाद इन्हें तोडऩा न पड़े। इसलिए यह सभी निर्माण कार्य स्थायी तौर पर ही किए जाएंगे।