MP News : पुलिस वेलफेयर सोसायटी और पुलिस पेट्रोल पंप पर अब नकद राशी से पेट्रोल नहीं दिया जाएगा इसके साथ ही अब सभी पुलिस पेट्रोल पंप पर नकद भुगतान पर बैन लगा दिया गया है। वहीं एमपी पुलिस के पेट्रोल पंप और सुपर बाजारों में मिल रही गबन की शिकायतों को देखते हुए यहां नकद भुगतान पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसकी जगह एक जनवरी 2025 से यहां केवल कैशलेस भुगतान ही लिया जाएगा। मप्र की कई इकाइयों के पेट्रोल पंपों में गबन की घटनाएं सामने आई हैं, जिसका फोरेंसिक आडिट कराया गया, जिसमें गबन का एक कारण इकाइयों द्वारा नकद लेन-देन करना एवं संव्यवहार का लेखा-जोखा का संधारण न करना पाया गया है।
कैशलेस के आए बेहत्तर परिणाम
पुलिस वेल फेयर सोसायटी के सुत्रों का कहना है कि भोपाल पुलिस इकाई के पेट्रोल पंप में गत एक मई 2024 से नकद लेन-देन को प्रतिबंधित किया गया है, जिसके सफल परिणाम सामने आए हैं। यह लेन-देन पुलिस कल्याण के पेट्रोल पम्पों, पुलिस गैस रिफिलिंग केंद्रों, एलपीजी गैस, सुपर बाजार, पुलिस परिसरों की साफ-सफाई व्यवस्था एवं अन्य गतिविधियों जिनमें वार्षिक टर्नओवर छह लाख से अधिक है पर बंद किया जाएगा।
जहां नहीं है इंटरनेट वहां मिलेगी छूट
पचमढ़ी स्थित पुलिस पेट्रोल पंप को इससे छूट प्रदान की गई है। क्योंकि वहां मोबाइल इंटरनेट की सुविधा सीमित है। यहां के पेट्रोल पंप में नकद प्राप्ति को बंद नहीं किया जाएगा, लेकिन पेट्रोल पंप से सभी भुगतान चैक, डिजिटल माध्यम से ही किए जाएंगे। वहां के पेट्रोल पंप के नोडल अधिकारी द्वारा दैनिक स्तर पर समीक्षा की जाएगी। पुलिस मुख्यालय की कल्याण शाखा के एडीजीपी अनिल कुमार ने इस संबंध में सभी जिला पुलिस अधीक्षकों एवं सेनानियों को निर्देश जारी किए हैं।
गबन को रोकने का प्रयास
पुलिस वेलफेयर सोसायटी के द्वारा पुलिस परिवारों की सहायता के लिए पेट्रोल पंप, सुपर मार्केट व अन्य संस्थाएं खोल कर पुलिस विभाग मुनाफा कमा कर कार्य करना चाहता था। लेकिन इन पेट्रोल पंपों पर कार्यरत्त स्टॉफ ने अपनी मनमर्जी चलाते हुए गबन की साजिश रचना शुरू कर दी जिससे पेट्रोल पंप में घाटा होने के आडिट सामने आने लगने इसके बाद पुलिस विभाग के द्वारा सख्य कदम उठा कर गबन को रोकने और व्यवस्थाओं को सुधारने का प्रयास प्रदेश के सभी पुलिस पेट्रोल पंप और सुपर मार्केट पर लागू कर दिया गया। आदेश जारी कर दिए गए है यह आगामी 1 जनवरी से पूरे मध्यप्रदेश के पुलिस वेलफेयर सोसायटी द्वारा संचालित संस्थाओं पर लागू किए जाएंगे।