Pink Alarm: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर की घटना के बाद से देशभर में इसका विरोध किया गया, जिससे डॉक्टरों और अस्पतालों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठे। इस संदर्भ में, मध्य प्रदेश के दतिया में ऐसी अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए एक विशेष पहल की गई है।
दतिया में सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न उपायों को लागू किया गया है। इसमें अस्पतालों में सुरक्षा गार्डों की तैनाती, CCTV कैमरे लगाना, और डॉक्टरों और नर्सों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल विकसित करना शामिल है। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत स्टाफ के लिए भी सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि उन्हें किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके।
यह पहल इस बात का संकेत है कि सरकार और प्रशासन डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा को गंभीरता से ले रहे हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दतिया जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में एक अनूठा नवाचार किया गया है। जिला अस्पताल की तीन बिल्डिंगों में कुल सात स्थानों पर पिंक अलार्म लगाए गए हैं, जिससे महिला डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को ड्यूटी के दौरान सुरक्षित माहौल मिल सके।
यह पहल कलेक्टर संदीप कुमार माकिन के निर्देश पर शुरू की गई है और यह प्रदेश का पहला जिला अस्पताल है जहां पिंक अलार्म की व्यवस्था की गई है। पिंक अलार्म का उद्देश्य आपात स्थिति में त्वरित सहायता प्राप्त करना है, जिससे महिला स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा और आत्मविश्वास मिले। यह कदम न केवल महिला डॉक्टरों और नर्सों के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करेगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में काम कर रही महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा।
इस नवाचार का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आवश्यकता पड़ने पर महिलाओं को त्वरित पुलिस सहायता उपलब्ध हो सके। अस्पताल परिसर में किसी भी महिला को खतरा महसूस होने पर, वह पिंक अलार्म के बटन को दबा सकती है। इससे तुरंत बिल्डिंग की छत पर सायरन बज उठेगा, जो आपात स्थिति का संकेत देगा।
इसके अलावा, अस्पताल में तैनात सुरक्षा गार्ड और पुलिसकर्मी 5 मिनट के भीतर संबंधित स्टाफ के पास पहुंचेंगे, जिससे महिला को जल्द से जल्द सहायता मिल सके। यह प्रणाली न केवल सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि महिला स्वास्थ्यकर्मियों को मानसिक सुरक्षा भी प्रदान करती है, ताकि वे अपनी ड्यूटी पर ध्यान केंद्रित कर सकें। इस पहल से यह संदेश भी जाता है कि प्रशासन महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है और ऐसे ठोस उपाय कर रहा है, जिससे अस्पताल के माहौल को और भी सुरक्षित बनाया जा सके।
सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. केसी राठौर ने बताया कि पिंक अलार्म को मैटरनिटी वार्ड, ट्रॉमा सेंटर और न्यू ओपीडी ब्लॉक के तीनों मंजिलों के स्टाफ ड्यूटी रूम में लगाया गया है। यह अलार्म सिस्टम 2 किलोमीटर की रेंज तक कार्य करता है, जिससे अस्पताल के पूरे परिसर में तुरंत सुरक्षा सहायता सुनिश्चित की जा सकेगी।
यह पहल मध्य प्रदेश में किसी जिला अस्पताल में पहली बार लागू की गई है। आने वाले दिनों में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से अलार्म सिस्टम का मॉक ड्रिल किया जाएगा, जिससे इसकी प्रभावशीलता की जांच की जा सकेगी। इस नवाचार के जरिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अस्पताल के परिसर में काम कर रहे सभी कर्मचारियों, विशेषकर महिलाओं, को सुरक्षित माहौल मिले, और किसी भी आपात स्थिति में उन्हें त्वरित सहायता उपलब्ध हो सके।