स्वतंत्र समय, इंदौर
पीथमपुर ( Pithampur ) की जिस रामकी कंपनी में 337 टन जहरीला कचरा रखा हुआ है, उसे लेकर ग्रामीणों में नाराजगी बनी हुई है। शनिवार को फैक्टरी के पास के तारापुर गांव की बस्ती के लोगों ने पथराव कर दिया। बड़ी संख्या में आई भीड़ ने कंपनी के गेट के सामने नारेबाजी की और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए।
Pithampur में महिलाएं मुट्ठी में मिर्ची पाउडर लाई थीं
बताया जा रहा है कि पीथमपुर ( Pithampur ) में जब ग्रामीणों ने पथराव किया, तब गेट पर ज्यादा पुलिस बल तैनात नहीं था, इसलिए भीड़ ने एक पुलिस वाहन के कांच भी फोड़ डाले। हद तो तब हो गई जब महिलाएं अपनी मुट्ठी में मिर्ची पाउडर लेकर आई थीं, जिसे सुरक्षा में तैनात पुलिस जवानों पर फेंका गया। मामला बिगड़ता देख आक्रोशित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजी और दो-तीन आंसू गैस के गोले भी फेंके। इसके बाद आक्रोशित भीड़ वापस भाग गई। इस घटना के बाद फैक्टरी परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सादी वर्दी में आसपास की बस्ती में भी पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
अज्ञात आरोपियों पर 3 एफआईआर
पीथमपुर में शुक्रवार को बंद के दौरान हुए प्रदर्शन के सिलसिले में पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज किए हैं। बरदरी चौराहा, सवारियां मंदिर और आजाद चौराहे पर चक्काजाम करने वाले अज्ञात आरोपियों के खिलाफ 383, 341,149, 147 धाराओं के तहत एफआईआर की गई हैं।
एक कंटेनर कम दिखा…
ग्रामीणों में यह अफवाह फैली है कि कंपनी में कचरे का निपटान शुरू हो चुका है, क्योंकि भोपाल से इंदौर तक 12 कंटेनर में 337 टन कचरा आया था, लेकिन परिसर में शनिवार को ग्रामीणों को एक कंटेनर कम नजर आया। इसके बाद ग्रामीणों ने कंपनी पर पथराव की योजना बनाई थी। फिलहाल रामकी कंपनी की तरफ आने वाले रास्तों पर पुलिस ने बेरीकेड लगा दिए है। वहीं रामकी इंडस्ट्रीज पीथमपुर के गेट पर ड्यूटीरत नायब तहसीलदार अनीता बरेठा ने बताया कि सभी कंटेनर हमारी कस्टडी में है, किसी भी कंटेनर को खोला नहीं गया है।
सीएस ने कहा- जनता को भरोसे में लेकर आगे बढ़ेंगे
पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर हो रहे विरोध के बीच मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा- राज्य सरकार इस मामले में हाईकोर्ट से समय देने की मांग करेगी। कोर्ट को मौजूदा परिस्थितियों के बारे में जानकारी देंगे। स्थानीय लोगों को भरोसे में लेकर ही सरकार अब इस मामले में आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा- कोर्ट से कितना वक्त मिलेगा, कह नहीं सकते। कचरे की शिफ्टिंग से लेकर आगे की पूरी प्रोसेस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई गाइड लाइन को अक्षरश: पालन किया जा रहा है।