सावन में महाकाल दर्शन का प्लान? उज्जैन के इन रहस्यमयी धार्मिक स्थलों को भूलकर भी मिस न करें!

सावन का पावन महीना इस साल 11 जुलाई से 9 अगस्त 2025 तक रहेगा। यह समय भगवान शिव को समर्पित होता है, और उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में देशभर से लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। यदि आप भी इस अवधि में उज्जैन यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो महाकाल के दर्शन के साथ-साथ कुछ और पवित्र और ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों का भी दर्शन जरूर करें, जो आपकी आस्था को और गहरा और यात्रा को और संतुलित बनाएंगे।

काल भैरव मंदिर: बिना इनके दर्शन अधूरी मानी जाती है महाकाल पूजा

महाकाल दर्शन से पहले अगर किसी स्थान के दर्शन जरूरी माने जाते हैं, तो वह है काल भैरव मंदिर। उज्जैन शहर से थोड़ी दूरी पर स्थित यह मंदिर भैरवनाथ को समर्पित है। मान्यता है कि काल भैरव को महाकाल का रक्षक माना गया है और बिना उनके दर्शन के महाकालेश्वर की पूजा अधूरी मानी जाती है। यहां की खास बात यह है कि भैरव बाबा को शराब का भोग चढ़ाया जाता है, और भक्तों की मान्यता है कि भगवान उसे सच में स्वीकार करते हैं।

हरसिद्धि मंदिर और चिंतामण गणेश: आस्था का अगला पड़ाव

हरसिद्धि माता मंदिर, महाकाल मंदिर के पास ही स्थित है और शक्ति उपासकों के लिए बहुत महत्व रखता है। यह शक्ति पीठों में शामिल माना जाता है। यहां की दीपमालाएं और वास्तुशिल्प भी देखने योग्य है। वहीं चिंतामण गणेश मंदिर, जो उज्जैन के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है, यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि भगवान गणेश उनकी हर चिंता हर लेते हैं। सावन में यहां दर्शन से मन को विशेष शांति और सुखद अनुभूति होती है।

संदीपनि आश्रम और गोपाल मंदिर: ज्ञान और भक्ति का संगम

संदीपनि आश्रम, वह स्थान है जहां भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा प्राप्त की थी। यहां जाकर एक अलग ही आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है। वहीं गोपाल मंदिर, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है, महाकाल मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है और अपनी सफेद संगमरमर की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। यदि आप सावन में उज्जैन आ रहे हैं तो इन सभी स्थलों के दर्शन अवश्य करें — ये न केवल आपकी भक्ति को पूर्ण करेंगे, बल्कि यात्रा को भी अविस्मरणीय बना देंगे।