योजनाओं को अफसर लगाते रहे पलीता, ट्रांसपेरेंसी के लिए बनाया प्लानिंग software

रामानंद तिवारी, भोपाल

मनरेगा द्वारा हाल ही में प्लानिंग सॉफ्टवेयर ( software ) तैयार किया गया है। उक्त प्लानिंग सॉफ्टवेयर का प्रेजेंटेशन आज मप्र के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी एवं कमिश्नर मनरेगा अवि प्रसाद भारत सरकार के अफसरों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। प्लानिंग सॉफ्टवेयर तैयार करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा। प्रदेश सरकार की पारदर्शिता पूर्ण कार्यप्रणाली को अफसर पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। मप्र की सभी 23 हजार 250 पंचायतों में करोड़ो रूपए खर्च कर राज्य सरकार ने इंटरनेट कनेक्टिविटी करने के साथ लैपटॉप और कंप्यूटर बांट दिए थे।इसके बावजूद अफसरों ने इस सुविधा का उपयोग ही नहीं किया।

software से 8 हजार 5 सौ करोड़ का बजट तैयार

मनरेगा आयुक्त अवि प्रसाद की पहल पर प्लानिंग सॉफ्टवेयर तैयार किया गया हैं। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से ग्राम, जनपद और जिले में तैयार की गई योजनाओं का मसौदा तैयार किया गया हैं। मसौदे का अनुमोदन जिले में पंचायती राज से भी लेना अनिवार्य होगा। इस व्यवस्था से सभी जिम्मेदार अफसर अपडेट रहेेंगे कि कहां क्या कार्य हो रहा है और क्या कार्य बचा हुआ है। सॉफ्टवेयर ( software ) के माध्यम से लगभग 8 हजार 5 सौ करोड़ का बजट तैयार किया गया है। प्लान सॉफ्टवेयर के माध्यम से तैयार बजट में 60 प्रतिशत राशि का उपयोग कृषि कार्यो को बढ़ावा देने के लिए किया जायेगा। सॉफ्टवेयर तैयार करने में मध्य प्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद के प्रभारी अधिकारी योजना एवं एमआईएस उवैस अहमद की अहम भूमिका रही है।

बिना योजना के अफसर विकास का दंभ भरते रहे

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में लेबर बजट बनाने की प्रक्रिया है। हर साल कितने कार्य सडक़, कुएं, स्कूल, बाउंड्री, लाइट, तालाब के कार्य होना है। उसकी पूरी जानकारी एक जगह मिलेगी। इस व्यवस्था में कार्य करने वाले पूर्व अफसरों ने यह जानने की कोशिश ही नहीं की, कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास का खाका तैयार हो भी रहा है अथवा नहीं। ग्राम,जनपद एवं पंचायत स्तर पर तैयार होने वाले खाके की कोई ठोस जानकारी भी जिम्मेदार अफसरों को नहीं होती थी। बिना योजना के अफसर विकास का दंभ भरते रहे।

लेबर बजट की वर्तमान स्थिति क्या है

इसके लिए देश के प्रत्येक राज्य में हर वर्ष लेबर बजट का निर्माण किया जाता है। जिसमे पंचायत द्वारा तय किए कार्यों को अगले वित्तीय वर्ष मे क्रियान्वित किया जाता है। लेकिन निर्मित की जा रही कार्य योजनाओ में मनरेगा के अंतर्गत होने वाले कार्यो की सही जानकारी न होने के कारण बहुत ही कम गतिविधियों को लिया जाता है इस वजह से आपेक्षित कार्ययोजना नहीं बन पाती है। विशेषकर हितग्राहीमूलक गतिविधिया भी बहुत ही कम हो पाती है।

प्लानर सॉफ्टवेयर क्या है ?

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत वार्षिक कार्ययोजना एवं लेबर बजट तैयार करने हेतु प्लानर साफ्टवेयर तैयार किया गया है। मनरेगा परिषद द्वारा तैयार किया प्लानर पोर्टल एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो मनरेगा में ग्रामीण पंचायत द्वारा प्रस्तावित विकास कार्यों को लेबर बजट, कार्य योजना का निर्माण, कियान्वयन एवं मूल्यांकन करने में अहम भूमिका निभायेगा। यह सॉफ्टवेयर केवल उन्हीं कार्यों को अनुमति देगा जो प्लानर सॉफ्टवेयर में ग्राम पंचायत स्तर पर ही तैयार किया गया हो।

प्लानर सॉफ्टवेयर से क्या होगा लाभ?

मनरेगा के अंतर्गत प्लानर पोर्टल की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्यों के लिए पारदर्शी कार्य योजना एवं निर्माण कार्यों की समीक्षा करने के साथ साथ ग्रामीण परिवारों की आजीविका सुनिश्चित करने में भी सहयोग मिलेगा।