डायरियों पर Plot खरीदने वाले रहें सावधान बिल्डरों की नई साजिश

स्वतंत्र समय, इंदौर

इंदौर में प्लॉट ( Plot ) खरीदने की सोच रहे लोगों के लिए बड़ा अलर्ट है। डायरियो (गैर-कानूनी तरीके से की गई जमीन खरीद-फरोख्त) पर प्लॉट बेचने वाले बिल्डरों की पोल खुलती जा रही है। हालिया मामलों में पाया गया है कि 10 में से 7 बिल्डर प्लॉट मालिकों को ठग रहे हैं, और इस धांधली में स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

Plot खरीदी मामला-1: अंपायर अर्बन में कलेक्टर को शिकायत

उज्जैन के रहने वाले एक व्यक्ति ने इंदौर कलेक्टर से अंपायर अर्बन परियोजना (रितेश चुग, कांग्रेसी विजय अग्रवाल) के खिलाफ शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि आज तक जमीन की रजिस्ट्री नहीं हुई है, और बिल्डर टालमटोल कर रहे हैं। इस मामले में आयकर विभाग से इस प्रोजेक्ट की जांच के लिए भी पत्र लिखा गया है। अब पूरे मामले में यह जानने की कोशिश की जा रही है कि बिल्डर ने डायरियों पर प्लॉट ( Plot ) बेचकर कितना काला धन इकट्ठा किया।

मामला-2: अंपायर हेरिटेज में संवेदनाओं की हत्या

दूसरा मामला अंपायर हेरिटेज प्रोजेक्ट का है, जहां उज्जैन के एक व्यक्ति ने प्लॉट खरीदने के लिए 11 लाख रुपये जमा किए थे। यह पैसा मयंक नाम के व्यक्ति को दिया गया था, जो कांग्रेस के प्रदेश कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल के भाई और बिल्डर अरुण गोयल के करीबी थे। लेकिन दो महीने पहले मयंक की मौत हो गई, और उसके बाद यह मामला और भी उलझ गया। मयंक के परिवार, जिसमें उनके साले अमोल अग्रवाल और अरुण गोयल शामिल हैं, ने अब इस रकम से पल्ला झाड़ लिया है। 22 नवंबर को प्लॉट मालिक को सियागंज स्थित ऑफिस में बुलाकर कहा गया कि मयंक एक ‘420 और फ्रॉड’ था और उसकी मौत के बाद कोई दायित्व उनके परिवार का नहीं बनता। यह मामला मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देता है। मरने के बाद मयंक को उसके परिजनों द्वारा ही फ्रॉड कहकर रकम लौटाने से इनकार करना, दिखाता है कि रिश्ते और इंसानियत पैसे के आगे बौने हो गए हैं।

प्रशासन की चुप्पी, पीड़ितों की बेबसी

इन मामलों में प्रशासन की लापरवाही उजागर होती है। पीडि़त प्लॉट मालिक, जिनमें से कई मामूली कमाई से जमीन खरीदने का सपना देख रहे थे, अब ठगी के शिकार हो रहे हैं। इसलिए डायरियो पर प्लॉट खरीदने से पहले सावधानी बेहद जरूरी है। जांच-पड़ताल और दस्तावेजों की पुख्ता जांच के बिना कोई फैसला न लें। प्रशासन से अपेक्षा है कि इन मामलों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दी जाए। पर इंदौर के प्लॉट खरीदारों के लिए यह एक चेतावनी है कि काले धन और भ्रष्टाचार के इस खेल से बचने के लिए सतर्क रहें।