स्वतंत्र समय, भोपाल
राजधानी भोपाल ही नहीं, बल्कि प्रदेश के शहरी क्षेत्र में बनाए जा रहे प्रधानमंत्री आवास योजना ( PM Awas ) के घर पाने के लिए हितग्राहियों ने बैंकों से लोन लेकर आवास पाने के लिए पूरा पैसा तो जमा कर दिया, लेकिन दो साल से अधिक समय बीतने के बाद भी हितग्राहियों को घर नसीब नहीं हो सके हैं। अब बैंक लोन की किश्त जमा करने के साथ ही हितग्राहियों को किराए के मकान में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है।
PM Awas के लिए बैंक से लोन लेकर किश्तें जमा की
राजधानी भोपाल में प्रधानमंत्री आवास योजना ( PM Awas ) के तहत हितग्राहियों को आवास मुहैया कराने के लिए चार बड़े प्रोजेक्ट निर्मित हो रहे हैं। इन फ्लेट में घर खरीदने के लिए हितग्राहियों ने दो साल पहले बैंकों से लेकर लेकर मकान की पूरी किश्तें जमा करा दी है, लेकिन गुजरात की जिस कंपनी द्वारा ये पीएम आवास निर्मित किए जा रहे थे, उसने नगर निगम भोपाल से एडवांस में पूरा पैसा लेकर भाग गई। भोपाल में करीब 6 हजार आवास हितग्राहियों को दिए जाने हैं। हितग्राहियों का कहना है कि उनके पास पैसे नहीं थे, इसलिए लोन लिया था। लेकिन अब 3 साल से पजेशन का इंतजार कर रहे हैं। अब स्थिति यह है कि नगर निगम द्वारा निर्मित कराए जाने वाले पीएम आवास खराब हालत में पहुंच गए हैं, बिल्डिंग रखरखाव के अभाव में जर्जर हो गईं है और खराब स्थिति में ही ये मकान हितग्राहियों को आवंटित कर दिए जाएंगे।
PM Awas की स्थिति एक नजर में
- राजधानी में प्रधानमंत्री आवासों के लिए तीन वर्षों में 6072 मकान बनाए गए हैं।
- वर्ष 2019-20 में पंजीकृत हितग्राहियों की संख्या 1625 थी। 60 करोड़ खर्च कर आवास बनाए गए।
- वर्ष 2020-21 में पंजीकृत हितगाहियों की संख्या 1817 थी। 80 करोड़ खर्च कर मकान निर्मित कराए।
- 2021-22 में 2650 हितग्राही पंजीकृत थे। आवासों का निर्माण पर 205 करोड़ खर्च किया गया।
हितग्राहियों ने 20 से 25 लाख में खरीदा फ्लैट
बागमुगलिया में पीएम आवास योजना के तहत 200 करोड़ की लागत से टू बीएचके एवं थ्री बीएचके साइज के फ्लैट बनाए हैं। लेकिन इमारत का प्लास्टर उखड़कर गिरने लगा है। इस संबंध में नगर निगम में शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां लोगों ने 20 लाख रुपए और 25 लाख रुपए में फ्लैट खरीदे हैं। इसके अलावा पीएम आवास योजना में भानपुर, कोकता, 12नंबर स्टॉप, गंगानगर, हिनोतिया आलम, मालीखेड़ी, रासलाखेड़ी और आलमनगर में भी आवास निर्मित कराए जा रहे हैं।