PM Awas Yojana 2.0: गरीबों और मिडिल क्लास का सपना होगा पूरा, खुद की जमीन पर घर बनाने पर सरकार देगी ढाई लाख रुपए की सब्सिडी

PM Awas Yojana 2.0: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झुग्गी मुक्त शहरों की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 शुरू की है। इसके तहत शहरी क्षेत्रों में झुग्गी बस्तियों को खत्म कर सभी को किफायती और सुरक्षित आवास प्रदान करना मुख्य लक्ष्य है।

मध्य प्रदेश सरकार की पहल

मध्य प्रदेश सरकार इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी बना रही है।
•भूमि की उपलब्धता: इस नीति के तहत मकान निर्माण के लिए कम दरों पर भूमि दी जाएगी।
•स्टांप शुल्क में छूट: पंजीकृत आवासों के लिए केवल 1% या उससे भी कम स्टांप शुल्क लिया जाएगा।
•अन्य योजनाओं का समन्वय: इस योजना में केंद्र और राज्य की अन्य योजनाओं को भी जोड़ा जाएगा ताकि परियोजना के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता सुनिश्चित की जा सके।

प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य

1.झुग्गियों को समाप्त कर सभी को गरिमामय जीवन जीने का अवसर देना।
2.आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सस्ते दर पर आवास उपलब्ध कराना।
3.शहरी विकास को बढ़ावा देना और हर परिवार को “सभी के लिए घर” के लक्ष्य के करीब लाना।
इस योजना का उद्देश्य न केवल झुग्गी मुक्त शहरों का निर्माण करना है, बल्कि लोगों की जीवनशैली में भी सुधार करना है।
ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (टीडीआर) का उपयोग शहरी विकास को संतुलित और कुशल बनाने के लिए किया जाता है।
मध्य प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत टीडीआर की सुविधा को लेकर एक विशेष प्रावधान किया है:
•टीडीआर के उपयोग की सीमा: आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के लिए निर्मित क्षेत्रों में टीडीआर को समग्र फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) में शामिल नहीं किया जाएगा।
•महत्व: इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ईडब्ल्यूएस और एलआईजी आवास परियोजनाओं के लिए विकास अधिकारों का उपयोग उन्हें किफायती और प्रभावी बनाए, और इस वर्ग के लिए आवश्यक आवासीय क्षेत्र सुरक्षित रहें।
•एफएआर का उपयोग: इससे विकासकर्ताओं को परियोजनाओं में अधिक फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी, जिससे आवास निर्माण की लागत कम होगी और निर्माण की गति तेज होगी।
यह कदम सुनिश्चित करेगा कि शहरी विकास योजनाओं में गरीब और कमजोर वर्गों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जाए और शहरों में अधिक समावेशी आवासीय ढांचा तैयार हो।
मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्य सरकार ने अपनी सहमति केंद्र सरकार को भेजने का निर्णय लिया है। योजना के प्रमुख लक्ष्य और समय-सीमा इस प्रकार हैं:

योजना का कार्यान्वयन और समय-सीमा

1.सहमति पत्र प्रेषण:
•राज्य सरकार को 31 दिसंबर 2024 तक केंद्र सरकार को योजना के तहत अपनी सहमति भेजनी होगी।
2.सुधार कार्य:
•अन्य सुधार कार्यों को 30 जून 2025 तक पूरा कर लागू करना अनिवार्य है।
3.लक्ष्य:
•योजना के तहत अगले पांच वर्षों में दस लाख आवास निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।

कैबिनेट बैठक की जानकारी

•12 नवंबर 2024 को मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना पर चर्चा की गई।
•सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि योजना को लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
यह योजना झुग्गी मुक्त शहरों के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न आय वर्ग के लोगों को किफायती और सुरक्षित आवास उपलब्ध कराए जाने की उम्मीद है।
मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत निम्नलिखित प्रावधान लागू किए जाएंगे, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न आय वर्ग के लाभार्थियों के लिए महत्वपूर्ण हैं:

योजना की प्रमुख बातें

1.ढाई लाख रुपये की सब्सिडी जारी:
•स्वयं की भूमि पर आवास निर्माण करने वाले पात्र हितग्राहियों को ₹2.5 लाख का अनुदान मिलता रहेगा।
2.स्टांप शुल्क में छूट:
•प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 60 वर्गमीटर तक के पंजीकृत आवासों पर 1% या उससे भी कम स्टांप शुल्क लिया जाएगा।
3.भूमि की उपलब्धता:
•जिन लाभार्थियों के पास अपनी भूमि नहीं है, उन्हें सस्ती दरों पर भूमि पट्टे उपलब्ध कराए जाएंगे।
4.तीन स्तरों पर काम:
•शहरों को झुग्गी मुक्त बनाने,
•आवास की जरूरतें पूरी करने,
•और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हितग्राहियों को राहत देने के लिए कार्य किया जाएगा।
5.पूर्व उपलब्धियां:
•2015 से 2023 तक, मध्य प्रदेश प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में प्रदर्शन के मामले में हमेशा पहले या दूसरे स्थान पर रहा है।
•अब तक 9.5 लाख से अधिक लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिला है।
यह योजना राज्य के शहरी आवास संकट को कम करने और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के नागरिकों के लिए सुरक्षित और किफायती आवास सुनिश्चित करने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 में लाभार्थियों को प्राथमिकता देने के लिए निम्नलिखित दिशानिर्देश निर्धारित किए गए हैं:

प्राथमिकता प्राप्त समूह

1.अधिकारहीन परिवार:
•जिनके पास भारत में कहीं भी पक्का आवास नहीं है।
2.विशेष समूह:
•कल्याणी (विधवा), दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक, ट्रांसजेंडर, अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यक वर्ग, सफाई कर्मी, पथ विक्रेता, पीएम विश्वकर्मा योजना के कारीगर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, निर्माण श्रमिक, और मलिन बस्तियों में रहने वाले परिवार।
3.आर्थिक योग्यता:
•वार्षिक आय 3 लाख रुपये तक वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।

योग्यता और सहायता की शर्तें

1.अयोग्यता:
•जिनकी वार्षिक आय 9 लाख रुपये तक है या जिन्होंने पहले किसी राज्य या केंद्र सरकार की आवास योजना का लाभ लिया है, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
2.आर्थिक सहायता:
•जिनके पास स्वयं का भूखंड है, उन्हें मकान बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से ₹2.5 लाख तक की सहायता दी जाएगी।
•यह सहायता तीन किस्तों में प्रदान की जाएगी।
3.फ्लैट के विकल्प:
•सरकारी या निजी परियोजनाओं के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 30 से 45 वर्ग मीटर के फ्लैट की व्यवस्था होगी।
•इसके लिए भी ₹2.5 लाख तक की आर्थिक मदद दी जाएगी।
यह योजना उन वंचित और जरूरतमंद समूहों की सहायता के लिए तैयार की गई है, जो अब तक पक्के आवास के लाभ से वंचित रहे हैं, और इसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्य और केंद्र सरकारें मिलकर कार्य कर रही हैं।