PM Awas Yojana: अब इन लोगों को मिलेंगे पक्के घर, मार्च तक बनकर तैयार हो जाएंगे 40 हजार आवास

PM Awas Yojana: नगरीय प्रशासन व विकास विभाग के राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) ने तीन माह में 40,000 से अधिक आवासों को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में अधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि निर्धारित समय सीमा के भीतर यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। यह कदम राज्य में आवास संकट को हल करने और लोगों को बेहतर आवास सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने विगत मंगलवार को अधिकारियों की बैठक में भाग लिया, जिसमें उन्होंने अधूरे कार्यों को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी अधूरे कार्य जल्द से जल्द पूरे किए जाएं। उनके आदेश के तहत कार्यों की प्रगति में तेजी लाने और समय सीमा के भीतर पूर्णता हासिल करने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुँच सके।

प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) के तहत 192 नगरीय निकायों में हितग्राहियों को पक्के मकान से लाभान्वित करने के लिए रैपिड असेसमेंट सर्वे (संभावित पात्र हितग्राहियों का सर्वेक्षण) किया जा रहा है। इस सर्वे का उद्देश्य यह पहचानना है कि कौन से परिवार इस योजना के तहत पक्के मकान प्राप्त करने के योग्य हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से सरकार योजना के लाभार्थियों का चयन कर रही है, ताकि अधिक से अधिक परिवारों को स्थायी आवास मिल सके।

प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी के तहत अभी तक 41,563 आवास अधूरे पड़े हैं, जबकि लगभग 4,000 आवासों का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। केंद्र सरकार की ओर से इस योजना के तहत कुल 2,49,166 आवासों की स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से अब तक 2,03,654 आवास पूर्ण हो चुके हैं। यह आंकड़े योजना के कार्यान्वयन में आ रही चुनौतियों को दर्शाते हैं, और अधिकारियों से इन अधूरे आवासों को जल्द पूरा करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) में 13 जिलों में 22 नए नगरीय निकायों को शामिल किया गया है। पहले चरण में 170 निकाय थे, जो अब बढ़कर 192 हो गए हैं। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के पहले चरण में वंचित शहरों और कस्बों को दूसरे चरण में शामिल करने के निर्देश दिए थे, ताकि अधिक से अधिक क्षेत्रों में लोगों को पक्के आवास की सुविधा मिल सके। इस विस्तार से योजना का दायरा बढ़ेगा और अधिक नागरिकों को लाभ मिलेगा।

राज्य सरकार ने नगर निगम के सभी आयुक्तों और नगर पालिका परिषदों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को पत्र जारी किया है, जिसमें उन्हें पहले चरण में वंचित शहरों और कस्बों को आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त होने के बाद दूसरे चरण में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र और राज्य सरकार की मंशा के अनुसार, सभी पात्र हितग्राहियों को आवास आवंटित किए जाने हैं। इसके लिए सर्वे के बाद पात्रता परीक्षण कराया जाएगा, और इस प्रक्रिया को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा।