PM Awas Yojana: प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) का उद्देश्य उन सभी जरूरतमंद लोगों को पक्का घर उपलब्ध कराना है, जो आज भी कच्चे या असुरक्षित मकानों में रहने को मजबूर हैं। सरकार चाहती है कि इस योजना का लाभ अधिक से अधिक पात्र लोगों तक पहुंचे, ताकि कोई भी गरीब व्यक्ति बिना छत के न रहे। लेकिन यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि इसका दुरुपयोग न हो और सहायता केवल उन्हीं को मिले, जो वास्तव में इसके हकदार हैं।
इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कुछ स्पष्ट और सख्त मापदंड (पैरामीटर) तय किए हैं। यदि कोई व्यक्ति इन मापदंडों पर खरा नहीं उतरता, तो उसका नाम लाभार्थियों की सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी के पास पहले से पक्का मकान है या वह दो से अधिक कमरों वाले मकान में रहता है, तो वह इस योजना के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।
1. क्या फ्रिज आपकी सरकारी सहायता रोक सकता है?
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत सरकार हर पात्र परिवार को पक्का घर देने की योजना चला रही है। लेकिन अगर आपके घर में फ्रिज जैसी चीज़ें हैं, तो आप इस योजना के लाभ से वंचित हो सकते हैं। चौंकिए मत! यह योजना केवल जरूरतमंदों के लिए है, और कुछ घरेलू सामान भी इस बात का संकेत देते हैं कि परिवार आर्थिक रूप से सक्षम है।
2. खेत की माप भी करेगी आपकी पात्रता तय
अगर आपके पास खेती की जमीन है तो उसका आकार और प्रकार भी मायने रखता है। 2.5 एकड़ से ज्यादा सिंचित जमीन या 5 एकड़ से ज्यादा दो फसल वाली भूमि होने पर आप इस योजना से बाहर हो सकते हैं। सरकार मानती है कि इतनी ज़मीन वाले लोग खुद घर बना सकते हैं।
3. योजना का मुख्य मकसद क्या है?
PMAY-G योजना की शुरुआत उन लोगों की मदद के लिए की गई है, जो गरीब हैं, और जिनके पास रहने के लिए मजबूत मकान नहीं है। इसका उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को एक सुरक्षित और स्थायी घर मिल सके। खासतौर पर अनुसूचित जाति/जनजाति और बीपीएल परिवारों को प्राथमिकता दी जाती है।
4. लाभार्थियों की पहचान कैसे होती है?
सरकार ने इस योजना के लाभार्थियों की सूची 2011 की सामाजिक-आर्थिक और जातिगत जनगणना (SECC) के आंकड़ों के आधार पर तैयार की है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सहायता उन्हीं को मिले, जिन्हें वास्तव में ज़रूरत है। इस प्रणाली से चयन की पारदर्शिता बनी रहती है।
5. कौन लोग होंगे योजना से बाहर?
अगर आप पक्के मकान में रहते हैं या आपके घर में दो से अधिक कमरे हैं, तो आप इस योजना के योग्य नहीं हैं। साथ ही, जिन लोगों के पास कार, थ्री व्हीलर, ट्रैक्टर या चौपहिया कृषि उपकरण हैं, उन्हें भी योजना से बाहर कर दिया जाता है।
6. वित्तीय स्थिति भी रखती है भूमिका
जिन परिवारों की मासिक आमदनी 15,000 रुपये से ज्यादा है, किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 50,000 से ऊपर है, या जो लोग इनकम टैक्स या जीएसटी का भुगतान करते हैं – उन्हें सरकार इस योजना का जरूरतमंद नहीं मानती। इसलिए ऐसे लोगों को लाभ नहीं दिया जाता।
7. घरेलू सुविधाएं भी बन सकती हैं बाधा
अगर आपके पास फ्रिज, लैंडलाइन फोन या अन्य आधुनिक सुविधाएं हैं, तो यह दर्शाता है कि आप आर्थिक रूप से सक्षम हैं। ऐसे परिवारों को योजना से बाहर किया जा सकता है, ताकि सच में ज़रूरतमंद लोग लाभ ले सकें।
8. जमीन और सिंचाई उपकरण भी देखे जाते हैं
अगर किसी परिवार के पास 2.5 एकड़ से ज्यादा सिंचाई योग्य भूमि और सिंचाई के लिए ट्यूबवेल या पंप सेट जैसे उपकरण हैं, तो सरकार मानती है कि वे अपनी कमाई से घर बना सकते हैं। ऐसे में वे इस योजना से बाहर कर दिए जाते हैं।
9. अंतिम सूची कैसे बनती है?
जब आवेदन और सर्वे की प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तब ग्राम सभा द्वारा सूची की जांच होती है। इसमें यह देखा जाता है कि वाकई कौन लोग कच्चे मकानों में रहते हैं और जरूरतमंद हैं। इस तरह से पात्र लोगों की फाइनल सूची बनाई जाती है।
10. वेटिंग लिस्ट भी होती है तैयार
अगर कोई पात्र व्यक्ति मुख्य सूची में नहीं आ पाया, तो उसका नाम वेटिंग लिस्ट में रखा जाता है। जरूरत पड़ने पर या बजट बढ़ने पर वेटिंग लिस्ट वालों को भी योजना का लाभ दिया जा सकता है। वेटिंग लिस्ट बनाते समय भी उन्हीं मापदंडों का पालन किया जाता है।
11. आवेदन से पहले जांचें अपनी स्थिति
अगर आप पीएम आवास योजना ग्रामीण में आवेदन करना चाहते हैं तो पहले अपनी पात्रता जरूर जांच लें। कहीं ऐसा न हो कि छोटी-सी जानकारी छिपा लेने से आप इस योजना से बाहर हो जाएं और 1.30 लाख रुपये तक की मदद से वंचित रह जाएं।