स्वतंत्र समय, भोपाल
उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के लिए इसी शैक्षणिक सत्र से खोले गए पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस ( PM Excellence ) को करीब पांच महीने बाद प्रोफेसर के इंटरव्यू होने जा रहे हैं। 55 जिलों के पीएम कॉलेजों में प्रोफेसर तथा असिस्टेंट एसोसिएट प्रोफेसर बनने 2800 से ज्यादा प्रोफेसर कतार में लगे हैं। मगर डायरेक्टर के समान प्रोफेसर्स के सिलेक्शन को लेकर भी उहापोह की स्थिति बनी हुई है। विभाग की लेटलतीफी से इन कॉलेजों में जुलाई में भेजा गया स्टॉफ असमंजस में है। इन सभी को तीन महीने के लिए दूसरे कॉलेजों से भेजा गया था। चार महीने पूरे होने के बाद भी उनकी वापसी की जल्द संभावना नजर नहीं आ रही है।
PM Excellence में पढ़ाने वालों की संख्या बहुत उत्साहजनक नहीं है
जानकारी के अनुसार पीएम एक्सीलेंस ( PM Excellence ) के डायरेक्टर्स के लिए इंटरव्यू दो महीने पहले हुए थे। मगर अब तक उच्च शिक्षा विभाग सिलेक्शन लिस्ट जारी नहीं कर सका है। अब प्रोफेसर्स के लिए इंटरव्यू किए जा रहे हैं। इनमें संभागीय मुख्यालयों पर ऑनलाइन या ऑफलाइन प्रोफेसर जुड़ सकेंगे। उज्जैन में सबसे कम प्रोफेसर के इंटरव्यू होंगे तो जबलपुर में सबसे ज्यादा भीड़ है। भोपाल में जो सब्जेक्ट रखे गए हैं उनमें भी पीएम एक्सीलेंस में पढ़ाने वालों की संख्या बहुत उत्साहजनक नहीं है। विदेशों से भी इन कॉलेजों के लिए प्रोफेसर शामिल हो सकेंगे। ये सभी प्रदेश के कॉलेजों में पहले से पढ़ा रहे 2829 प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। इन सभी के इंटरव्यू 7 नवंबर से शुरू हो रहे हैं। विभाग ने सातों संभागीय मुख्यालयों में अलग-अलग सब्जेक्ट के इंटरव्यू रखे हैं। जबलपुर में आवेदकों की संख्या अधिक होने के कारण वहां 12 की जगह 14 दिन तक इंटरव्यू चलेंगे। जबलपुर को छोड़ बाकी सभी 6 संभागीय मुख्यालयों में 7 से 18 नवंबर तक इंटरव्यू चलेंगे। हालांकि इन कॉलेजों के लिए सत्र शुरू होने के पहले ही डायरेक्टर से लेकर एसोसिएट प्रोफेसरों का चयन कर लिया जाना था, लेकिन चार माह प्रक्रिया और योग्यता परखने में ही निकल गए। सांख्यिकी, मराठी भाषा व पुस्तकालय विज्ञान के लिए इंटरव्यू अभी नहीं नहीं हो सकेंगे।
असमंजस में है स्टॉफ
हर जिले में एक पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस खोला गया है। इनके लिए डायरेक्टर से लेकर एसोसिएट प्रोफेसर तक इंटरव्यू के बाद रखा जाना है। इसके चलते वहां पहले से पोस्टेड स्टॉफ अपने भविष्य को लेकर असमंजस में है कि कहां ट्रांसफर किया जाएगा पता नहीं है। फिलहाल नए-नए सब्जेक्ट खोलकर प्रोफेसर्स को तीन महीने के लिए पदस्थ किया गया था, उनके तीन महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी तक नए सिलेक्शन न होने से वे भी परेशान हैं। वहीं डायरेक्टर के लिए भी जिन लोगों ने इंटरव्यू दिया है, उनमें से अधिकांश छह माह से दो साल में रिटायर होने वाले हैं। इससे पूरी प्रक्रिया उलझती दिख रही है।
किस डिवीजन में कितने उम्मीदवार…
- संभाग संख्या
- भोपाल 386
- ग्वालियर 427
- इंदौर 430
- जबलपुर 509
- रीवा 427
- सागर 336
- उज्जैन 315