PM Housing के ठेकेदार काम छोड़कर भागे

सीताराम ठाकुर, भोपाल

भोपाल सहित पीएम आवास ( PM Housing ) जैसे कई आवासीय प्रोजेक्ट में एडवांस लेकर ठेकेदार भाग गए हैं। अब जल संसाधन विभाग भी ठेकेदारों को मोबिलाइजेशन के रूप में सिर्फ 2.50 प्रतिशत राशि एडवांस में दे सकेगा, जबकि पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों में ठेकेदारों को एडवांस 10 प्रतिशत तक दिए जाने का प्रावधान है। एरिगेशन यह मोबिलाइजेशन सिर्फ टर्न की पद्धति पर ठेका लेने वाले ठेकेदारों को 110 प्रतिशत गारंटी देने पर 50 करोड़ से अधिक के कामों पर देगा।

PM Housing जैसे प्रोजेक्ट में एडवांस लेकर भागे कई ठेकेदार

पीडब्ल्यूडी, पीएचई, नगरीय विकास एवं पीएम आवास ( PM Housing ) आदि विभागों में ठेकेदार द्वारा ठेका लेने के तत्काल बाद मशीनरी, उपकरण, मटेरियल की खरीदी के लिए दो किश्तों में 5-5 प्रतिशत एडवांस राशि दिए जाने का नियम लागू है। उक्त राशि को ठेकेदार के बिल से वसूला जाता है। लेकिन प्रदेश में कई ठेकेदार एडवांस लेकर भाग गए हैं, जिसके कारण वह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया है। खासकर नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा निर्मित कराए जा रहे शहरी पीएम आवास योजना के कई प्रोजेक्ट में ठेकेदार एडवांस लेकर रफू-चक्कर हो गए हैं, जिससे आवास के लिए पूरी राशि जमा करने वाले लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है, क्योंकि वह आवासीय प्रोजेक्ट करीब दो साल से आधे-अधूरे पडेÞ हुए हैं। सबसे ज्यादा स्थिति भोपाल में खराब है। मप्र में निर्मित होने वाली अधिकांश बड़ी-छोटी सिंचाई परियोजनाओं में अब पाइप लाइन का इस्तेमाल होने लगा है। इसके पहले निर्मित सिंचाई प्रोजेक्ट नहर आधारित होते थे, जिनके माध्यम से सिंचाई के लिए खेतों तक पानी पहुंचाया जाता था, लेकिन अब प्रेशराइज्ड यानि पाइप लाइन के जरिए पानी खेतों तक जाने लगा है। इससे सीवेज नहीं होने से पानी की बचत होने लगी है और इसका उपयोग पीने के लिए भी किया जाने लगा है। वैसे पाइप लाइन आधारित सिंचाई प्रोजेक्ट में विभाग ठेकेदारों को 70 से 80 प्रतिशत तक राशि एडवांस में देता है। यह राशि एडवांस में देने के कारण ही विवाद और गड़बडिय़ों की शिकायतें ज्यादा मिल रही है। खासकर छिंदवाड़ा काम्प्लेक्स से लेकर रीवा-सतना, शहडोल-बालाघाट आदि के मामले विधानसभा में भी उठ चुके हैं।

5 प्रतिशत के हिसाब से होगी वसूली

एडवांस भुगतान के बाद ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत किए गए पहले बिल से मोबिलाइजेशन एग्रिम की वसूली तुरंत शुरू हो जाएगी और प्रत्येक चालू बिल से बिल राशि के 5 प्रतिशत की दर से वसूला जाएगा। यदि अग्रिम भुगतान की वसूली निर्धारित अनुबंध अवधि के 50 प्रतिशत या व्यय के 50 प्रतिशत आगे जारी रहती है, तो बीजी को भुगनाया जाएगा। मोबिलाइजेशन एडवांस के लिए ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत बीजी को अग्रिम की पूरी राशि की वसूली के बाद जारी किया जाएगा।

विभाग ने एडवांस देने बनाए ये नियम

जल संसाधन विभाग द्वारा जारी नियमों में टर्नकी अनुबंधों के तहत ठेका लेने वाले ठेकेदार या कंपनी को एक बार ब्याज मुक्त मोबिलाइजेशन अग्रिम देगा, जो अग्रिम राशि के विरुद्ध 110 प्रतिशत राशि की बिना शर्त बैंक गारंटी पर ढाई प्रतिशत (2.50), अनुबंध मूल्य का, या 50 करोड़ रुपए जो भी कम हो, से अधिक नहीं होगा। जो नियोक्ता को स्वीकार मप्र में स्थित किसी राष्ट:ीयकृत या अनुसचित (सहकारी बैंक को छोड क़र)बैंक की शाखा द्वारा जारी किया जाएगा। यदि ठेकेदार द्वारा मांग की जाती है, तो समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद मोबिलाइजेशन एडवांस स्वीकार्य होगा।

सरकार ने पहली बार बनाए नियम

ठेकेदारों को मोबिलाइजेशन एडवांस देने के लिए सरकार ने पहली बार नियम लागू किए हैं। पीडब्ल्यूडी- पीएचई आदि में 10 प्रतिशत तक अग्रिम देने का नियम हैं, लेकिन जल संसाधन विभाग में केवल 2.50 प्रतिशत यानि ढाई प्रतिशत ही देने का प्रावधान है। प्रेशराइज्ड प्रोजेक्ट में जरूर 70 से प्रतिशत एडवांस ठेकेदारों को किया जा सकता है।
-शिरीष मिश्रा, प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग।