PM Modi in Khajuraho: प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर दुल्हन की तरह सजा खजुराहो, केन-बेतवा लिंक परियोजना का करेंगे शिलान्यास, CM डॉ मोहन ने कही ये बड़ी बात

PM Modi in Khajuraho: केन-बेतवा लिंक परियोजना, देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना है, जिसका उद्देश्य केन नदी से बेतवा नदी को जोड़कर जल संसाधनों का कुशल प्रबंधन करना है। इस परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 दिसंबर को खजुराहो में किया जाएगा।

परियोजना की मुख्य विशेषताएं

1. लागत:
परियोजना की कुल लागत ₹44,605 करोड़ है। इसमें 90% व्यय केंद्र सरकार वहन करेगी, जबकि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारों को 10% वित्तीय योगदान देना होगा।
2. सिंचाई और पेयजल:
• यह परियोजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में लगभग 11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराएगी।
• मध्य प्रदेश के 10 जिलों और उत्तर प्रदेश के 4 जिलों में पेयजल आपूर्ति को भी सुदृढ़ करेगी।
3. लाभार्थी जिले:
• मध्य प्रदेश: छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, सागर, दमोह, दतिया, शिवपुरी, रायसेन, विदिशा, और अशोकनगर।
• उत्तर प्रदेश: झांसी, महोबा, बांदा, और ललितपुर।
4. पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव:
• इस परियोजना से जल संकट वाले क्षेत्रों में राहत मिलेगी।
• यह रोजगार और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगी।
5. तकनीकी कार्य:
परियोजना में बाँध, नहर, और जल वितरण प्रणालियों का निर्माण शामिल है।

यह परियोजना न केवल कृषि उत्पादन को बढ़ावा देगी, बल्कि इन क्षेत्रों में जल संकट का समाधान भी करेगी। केन-बेतवा लिंक परियोजना से न केवल सिंचाई और पेयजल की समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि यह ऊर्जा उत्पादन और क्षेत्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।

परियोजना से जुड़ी ऊर्जा उत्पादन की विशेषताएं

1. जल विद्युत उत्पादन:
• परियोजना से 103 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन होगा।
2. सौर ऊर्जा उत्पादन:
• परियोजना के तहत 27 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा।
3. लाभ:
• इन दोनों प्रकार की ऊर्जा का पूरा लाभ मध्य प्रदेश को मिलेगा, जिससे राज्य की ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिलेगी।

बुंदेलखंड क्षेत्र का विकास

1. आर्थिक और सामाजिक उन्नति:
• यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र में जल आपूर्ति और सिंचाई सुविधाओं को बढ़ावा देकर कृषि उत्पादन को बढ़ाएगी।
• क्षेत्र में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
2. रोजगार के अवसर:
• परियोजना के निर्माण और संचालन के दौरान बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
3. ग्रामीण विकास:
• पानी की उपलब्धता के साथ कृषि क्षेत्र में स्थिरता आएगी, जिससे किसान आत्मनिर्भर बनेंगे।
• बेहतर पेयजल और सिंचाई सुविधाओं से गांवों का समग्र विकास होगा।

यह परियोजना न केवल जल संकट का समाधान करेगी, बल्कि ऊर्जा उत्पादन और रोजगार सृजन के माध्यम से बुंदेलखंड क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी। केन-बेतवा लिंक परियोजना के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने और इसका महत्व समझाने के लिए विभिन्न गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यह प्रयास न केवल स्थानीय समुदायों को परियोजना से जोड़ने का है, बल्कि इसके दीर्घकालिक लाभों के प्रति जागरूकता फैलाने का भी है।

जागरूकता अभियान के प्रमुख पहलू

1. ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यक्रम:
• सभी प्रभावित जिलों की ग्राम पंचायतों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
• इन कार्यक्रमों में परियोजना के लाभ और इसके महत्व पर चर्चा की जा रही है।
2. दीवार लेखन:
• गांव-गांव में दीवार लेखन के माध्यम से परियोजना के उद्देश्यों और लाभों को प्रचारित किया जा रहा है।
• यह ग्रामीण क्षेत्रों में संदेश पहुंचाने का एक प्रभावी तरीका है।
3. नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक गतिविधियां:
• नुक्कड़ नाटक, गीत-संगीत और पारंपरिक प्रस्तुतियों के माध्यम से लोगों को परियोजना के लाभों के बारे में बताया जा रहा है।
• यह विधि लोगों को रोचक तरीके से जानकारी प्रदान करती है।
4. कलश यात्राएं और निमंत्रण:
• विभिन्न स्थानों पर कलश यात्राओं का आयोजन किया जा रहा है।
• इन यात्राओं के माध्यम से परियोजना के प्रति समुदाय में सकारात्मक भावना और उत्साह पैदा किया जा रहा है।
5. नेताओं की भागीदारी:
• गुन्नौर विधायक डॉ. राजेश वर्मा जैसे नेता परियोजना के महत्व को रेखांकित कर रहे हैं।
• उन्होंने इसे बुंदेलखंड के लिए “ऐतिहासिक पड़ाव” और “जीवन बदलने वाली योजना” बताया है।
6. अटल बिहारी वाजपेयी का सपना:
• परियोजना को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दृष्टिकोण से जोड़कर प्रस्तुत किया जा रहा है, जिससे जनता का भावनात्मक जुड़ाव बढ़ रहा है।

स्थानीय जनता का लाभ

• इस योजना के प्रति बढ़ती जागरूकता से लोगों में विश्वास बढ़ रहा है कि यह परियोजना न केवल उनकी जल संकट की समस्या का समाधान करेगी, बल्कि क्षेत्र में समृद्धि और विकास भी लाएगी।
• इससे जुड़ी जागरूकता गतिविधियां स्थानीय समुदायों को परियोजना के साथ सक्रिय रूप से जोड़ने में सफल हो रही हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केन-बेतवा लिंक परियोजना को एक ऐतिहासिक और महत्वाकांक्षी योजना बताया है, जो न केवल मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर और तकदीर बदलेगी, बल्कि यह क्षेत्रीय समन्वय और सहयोग का प्रतीक भी बनेगी। इस परियोजना से विभिन्न लाभ होंगे, जिनमें शामिल हैं:

1. कृषि में सुधार:
• इस परियोजना से बुंदेलखंड के किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर जल उपलब्ध होगा, जिससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा और क्षेत्र की कृषि स्थिति सुदृढ़ होगी।
2. पेयजल और उद्योगों के लिए पानी:
• यह परियोजना न केवल सिंचाई बल्कि पेयजल और उद्योगों की जल आवश्यकता को भी पूरा करेगी, जिससे क्षेत्र में जल संकट की समस्या हल होगी।
3. आर्थिक और सामाजिक विकास:
• क्षेत्र में जल आपूर्ति बढ़ने से आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और विकास की गति तेज होगी।
• परियोजना से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को समृद्ध करेगा।
4. रोजगार के अवसर:
• परियोजना के निर्माण और संचालन से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जो युवाओं और स्थानीय निवासियों के लिए लाभकारी होंगे।
5. सूखाग्रस्त क्षेत्र में भूजल सुधार:
• सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में भूजल स्तर में सुधार होगा, जिससे जल संकट की समस्या में कमी आएगी।
6. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना:
• यह परियोजना स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान के सपने को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को लागू करने का बीड़ा उठाया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को छतरपुर जिले के खजुराहो में इस परियोजना का शिलान्यास करेंगे, जो बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा।