प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वार्षिक जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए इटली जाएंगे। इस समिट शामिल होने के लिए भारत को एक आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया गया है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर समिट में वैश्विक नेताओं के साथ जुड़ने का एक अच्छा मौका होगा। इस शिखर सम्मेलन में भारत की 11वीं और पीएम मोदी की लगातार पांचवीं हिस्सेदारी होगी। पीएम मोदी आउटरीच सेशन में हिस्सा लेंगे। सम्मेलन के साथ ही पीएम मोदी की जी 7 देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते है।
पीएम मोदी इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी होंगे। पीएम मोदी 13 जून को इटली के लिए रवाना होंगे और आज 14 जून की देर रात वापस लौटेंगे। लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में काम संभालने के बाद मोदी की यह पहली विदेश यात्रा होगी। मोदी के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी होगा जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और एनएसए अजीत डोभाल भी शामिल हो सकते है।
क्या है G7?
G7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं. इटली वर्तमान में G7 की अध्यक्षता देख रहा है और शिखर सम्मेलन की मेजबानी भी कर रहा है। जी-7 सदस्य देश वर्तमान में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 45% और दुनिया की 10% से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। अपनी परंपरा के अनुसार अध्यक्षता करने वाले मेजबान देश कई देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों को शिखर सम्मेलन में सम्मलित करता है। इससे पहले 1997 और 2013 के बीच रूस को शामिल था जिससे इससे जी8 कहा जाता था। हालांकि, क्रीमिया पर कब्जाकरने के बाद 2014 में रूस को हटा दिया गया था।