PM Modi सितंबर के दूसरे हफ्ते में मणिपुर का दौरा कर सकते हैं। यह उनका पहला दौरा होगा, जबसे 2023 में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा की आग भड़की थी। माना जा रहा है कि इस दौरे में पीएम इंफाल और चुराचांदपुर जिलों का दौरा करेंगे और हिंसा के कारण बेघर हुए लोगों से मुलाकात भी करेंगे।
नई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री अपने दौरे में कई नई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की घोषणा करेंगे। इसके साथ ही वे कुछ पहले से तैयार परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे। इस दौरान राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि यात्रा के समय शांति बनी रहे।
मणिपुर हिंसा का हाल
मई 2023 से अब तक मणिपुर हिंसा में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 60,000 लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। इस हिंसा की शुरुआत तब हुई थी, जब मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग पर कुकी समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया। देखते ही देखते यह विरोध हिंसा में बदल गया और हालात बिगड़ते चले गए।
राष्ट्रपति शासन की पृष्ठभूमि
लंबे समय तक हालात काबू में न आने पर 13 फरवरी 2025 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को इस्तीफा देना पड़ा, क्योंकि पार्टी के भीतर नए नेतृत्व पर सहमति नहीं बन सकी। हालांकि केंद्र सरकार का कहना है कि राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद से हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई
हिंसा को काबू में करने के लिए केंद्र सरकार ने मणिपुर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की। लूटे गए हजारों हथियारों में से अब तक करीब 3,000 हथियार बरामद किए जा चुके हैं। इसके बावजूद राज्य में छिटपुट हिंसा की घटनाएं अभी भी सामने आती रहती हैं।
राजनीतिक घमासान
राष्ट्रपति शासन के फैसले पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा। कांग्रेस का कहना है कि यह कदम बहुत देर से उठाया गया और इससे लोकतांत्रिक मूल्यों को ठेस पहुंची। वहीं बीजेपी का दावा है कि राष्ट्रपति शासन लगने के बाद मणिपुर में हिंसा कम हुई है और शांति बहाल करने के प्रयास जारी हैं।