साइबर गैंग पर पुलिस का शिकंजा, इंदौर की महिला से 1.60 करोड़ ठगने वाले दो और गिरफ्तार

इंदौर पुलिस को पिछले साल नवंबर 2024 में हुए बड़े साइबर फ्रॉड मामले में एक और सफलता मिली है। दरअसल, एक गिरोह ने वंदना गुप्ता नाम की महिला को चार दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर रखा था और डराने–धमकाने की रणनीति अपनाकर उनसे अलग–अलग खातों में कुल 1 करोड़ 60 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए थे। इस सनसनीखेज मामले की जांच में अब तक कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ चुके हैं।

लाओस से हो रहा था पूरे गैंग का संचालन

डीसीपी क्राइम राजेश त्रिपाठी के अनुसार, जांच में खुलासा हुआ कि इस हाई-टेक ठगी के पीछे दक्षिण–पूर्व एशिया के देश लाओस में बैठा एक संगठित नेटवर्क काम कर रहा था। यह गैंग सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स पर सक्रिय रहता था और खास तौर पर 40 से 70 वर्ष की अकेली महिलाओं और पुरुषों को शिकार बनाने की रणनीति अपनाता था।

17 के बाद अब दो और आरोपी पुलिस जाल में

मामले की तह तक पहुंचते हुए पुलिस ने पहले ही 17 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। लगातार जारी तलाश के बीच दो और आरोपी गिरफ्त में आए हैं—एक को गुजरात और दूसरे को पंजाब से पकड़ा गया है। पुलिस का कहना है कि यह जाल कई राज्यों और देशों में फैला हुआ है।

सैकड़ों सिमकार्ड से ऑपरेट होती थी ठगी मशीनरी

गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि ये लोग ग्रामीण इलाकों के लोगों की पहचान पर 350 से ज्यादा सिमकार्ड हासिल कर चुके थे। इनमें से कई सिम लाओस सहित अन्य देशों में ठगी नेटवर्क को भेजी गई थीं। इन्हीं नंबरों का इस्तेमाल कर महिलाएं और पुरुषों को फंसाने और डराने के लिए कॉल व चैट की जाती थी।

अब तक 19 आरोपी जेल में, बड़ा खुलासा जल्द सम्भव

जांच में अब तक कुल 19 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। पुलिस का मानना है कि आने वाले दिनों में इस इंटरनेशनल साइबर ठगी गैंग की पूरी परतें खुल सकती हैं। इंदौर में बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट करने का यह मामला देश–विदेश में फैले ठगों के बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करता है।