सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक हवाला कांड में अंतत: पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

स्वतंत्र समय, कटनी

सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक में विद्यार्थियों व बेरोजगार युवकों के खाते खोलकर करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन किए जाने के मामले में शिकायत के 9 दिन बाद अंतत: पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है। पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की दी है, वहीं बैंक पहुंचकर प्रबंधक सहित कर्मचारियों से पूछताछ की है। इस फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड दुर्गेश यादव फरार हो गया है, इसकी मुख्य वजह शिकायत 24 जनवरी को होने के बाद भी पुलिस द्वारा मामले को गंभीरता से ना लिया जाना है। माधवनगर पुलिस ने इस मामले में शिकायत के 9 दिन बाद सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक की ब्रांच मैनेजर अंकिता गुप्ता निवासी राजीव गांधी वार्ड की शिकायत पर ग्राम गैंतरा निवासी विवेक पटेल व शाहनगर निवासी हवाला कांड के मास्टर माइंड आरोपी दुर्गेश यादव सहित अन्य के खिलाफ धारा 420 के तहत एफआइआर दर्ज की है। एफआइआर दर्ज करने के बाद विवेक पटेल को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है, जबकि दुर्गेश यादव फरार है। इस मामले में परिजनों से पुलिस पूछताछ कर रही है। पुलिस को बैंक मैनेजर अंकिता गुप्ता ने बताया है कि 12 दिसंबर को ग्राम गैंतरा निवासी विवेक पटेल ने बैंक में खाता खुलवाया। इसके बाद कई युवकों के खाते खुलवाए। खातों में अत्यधिक रुपए जमा होने पर एफआरएम द्वारा खातों की निगरानी की गई। खाते संदेहास्पद होने पर जांच के निर्देश प्राप्त हुए। जिसके बाद खातों को डेविट फ्रीज करने के साथ खाताधारकों से पूछताछ शुरू की गई। जब खाताधारकों से पूछताछ की गई तो बताया गया कि विवेक पटेल के कहने पर उन्होंने खाता खुलवाया था, जिसके बदले उन्हें 700-700 रुपए कमीशन मिले। युवकों ने बताया है कि ट्रांजेक्शन का काम विवेक पटेल देखता था।

मास्टरमाइंड दुर्गेश या कोई और कुछ तो है संदिग्ध?

अभी तक कि पुलिसिया पूछताछ में दुर्गेश को मास्टर माइंड बताया जा रहा है। पूछताछ में विवेक पटेल ने पुलिस को बताया है कि इस पूरे कांड का मास्टर माइंड शाहनगर निवासी दुर्गेश यादव है। प्रतिमाह उसने 25 हजार रुपए वेतन व एक हजार रुपए अलग से कमीशन देने की बात कही थी। इस दौरान दुर्गेश अपनी सिमें देकर खाता खुलवाते समय वहीं नंबर देता था, फिर वहीं खातों को ऑपरेट कर ट्रांजेक्शन करता था। पुलिस अब मास्टर माइंड के तलाश में जुट गई है।

ट्रेडिंग कंपनी बनाकर खेल

इस मामले में फर्जी ट्रेडिंग कंपनिया बनाकर काले कारोबार को अंजाम दिया जाना बताया जा रहा है। ऑनलाइन सट्टे से जुड़े कारोबारियों ने 17 खातों में 10 करोड़ रुपए से भी अधिक का ट्रांजेक्शन किया है। यूपीआई के माध्यम से खातों में लेनदेन किया गया है। मामले में ब्लैक मनी को व्हाइट करने, हवाला कारोबार व ऑनलाइन सट्टे से जुड़ा है। इस मामले में कई नामचीन व्यक्तियों के शामिल होने की आशंका है, हालांकि पुलिस की जांच धीमी होने के कारण वास्तविकता स्पष्ट नहीं हो पा रही है।

इनका कहना है

बैंक मैनेजर की शिकायत पर एफआइआइ दर्ज करते हुए एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है। 17 खातों में करोड़ों का ट्रांजेक्शन ट्रेडिंग कंपनी बनाकर किया गया है। बैंक के मैनेजर को बुलाकर पूछताछ की जा रही है। अवैध ट्रांजेक्शन मानते हुए विवेक पटेल को हिरासत में लिया गया है। फर्मों के नाम पर ट्रांजेक्शन होना पाया गया है। मामले की विस्तृत जांच जारी है।
– मनोज गुुप्ता, थाना प्रभारी