मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में पुलिस बल को और सशक्त बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब पुलिस आरक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर तक की भर्ती एक अलग पुलिस भर्ती बोर्ड के माध्यम से होगी।
इस बोर्ड के गठन से न केवल भर्ती प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि चयन में पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को सीएम हाउस में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान यह घोषणा की।
तीन साल में 21 हजार से ज्यादा पद भरने की योजना
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में वर्तमान में 21 हजार से अधिक पद खाली हैं। इन्हें अगले तीन वर्षों में चरणबद्ध तरीके से भरा जाएगा।
पहला चरण: इस वर्ष साढ़े 7 हजार पदों पर भर्ती शुरू होगी।
दूसरा और तीसरा चरण: अगले दो वर्षों में भी इतने ही पद भरे जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में भर्ती शुरू करने के बाद भी कुछ पद रिक्त रहेंगे, इसलिए आने वाले तीन सालों में सभी रिक्तियां भरने का लक्ष्य रखा गया है।
भर्ती प्रक्रिया में होगी पारदर्शिता
सीएम ने कहा कि पुलिस भर्ती बोर्ड बनने से पूरी भर्ती प्रक्रिया पर पुलिस की सीधी निगरानी रहेगी और सभी नियमों का पालन किया जाएगा। इससे किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना समाप्त हो जाएगी। उन्होंने पुलिस मुख्यालय को जल्द से जल्द इस बोर्ड के गठन के निर्देश दिए।
कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त लाभ और भत्ते
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वीवीआईपी मूवमेंट में तैनात कर्मचारियों को मिलने वाला छठे वेतनमान का जोखिम भत्ता कई जगहों पर नहीं मिल पाया है। उन्होंने इसकी भरपाई करने का ऐलान किया। साथ ही, राज्य पुलिस, होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा विभाग के विधवा एवं बच्चों को स्नातक स्तर की सीटों में विशेष आरक्षण देने की घोषणा भी की—यानि 60 सीटों पर कम से कम एक सीट इनके लिए आरक्षित होगी।
नक्सलवाद और अपराध नियंत्रण का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2025 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा,
- नशा मुक्ति अभियान
- महिला सुरक्षा
- गोवंश तस्करी पर रोक
- सायबर अपराध नियंत्रण
अवैध हथियार निर्माण पर रोक
जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस को हर संभव सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि सुरक्षा योजनाओं के लिए सरकार फंड की कोई कमी नहीं होने देगी।
तनाव मुक्त पुलिस बल के लिए पहल
तनाव और अवसाद को गंभीर समस्या बताते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि हार्टफुल संस्था के साथ एमओयू कर योग और प्राणायाम को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे पुलिस कर्मचारियों को मानसिक सुकून और ऊर्जा मिल सके। गृह और वित्त विभाग के साथ बैठकर पुलिसकर्मियों की अन्य समस्याओं का भी समाधान निकाला जाएगा।
पदक विजेताओं का सम्मान
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किए गए 65 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को पदक प्रदान किए। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के सीने पर मेडल लगना राज्य के लिए गर्व की बात है। मुख्यमंत्री ने पुलिस बल की कार्यक्षमता की तारीफ करते हुए कहा कि आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए पुलिस का योगदान अद्वितीय है और यह सेवा किसी भी अन्य सरकारी विभाग से कम नहीं है।