पुलिस भर्ती चार गुना बढ़ी, महिलाओं को मिलेगा खास मौका

पुलिस भर्ती : उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती के मामले में भाजपा सरकार ने सपा सरकार को पीछे छोड़ दिया है। सपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल में कुल 49,965 पुलिस भर्तियां हुई थीं, जिनमें से 5,262 भर्तियां अदालत के आदेश पर हुईं। वहीं भाजपा सरकार के आठ साल में यह संख्या बढ़कर 2,18,262 तक पहुंच गई है। इनमें 35,247 महिलाएं शामिल हैं। भाजपा शासन में 1,53,811 सिपाही, 9,534 उपनिरीक्षक और 1,329 लेखा संवर्ग के उपनिरीक्षक और सहायक उपनिरीक्षक भर्ती किए गए हैं। इसके अलावा अन्य संवर्गों के रिक्त पद भी तेजी से भरे गए हैं। आने वाले समय में सिपाही, उपनिरीक्षक और समकक्ष के 24,000 पदों पर नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसमें 4,000 पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। यह अब तक की सबसे बड़ी सीधी भर्ती मानी जा रही है, जो उत्तर प्रदेश पुलिस बल को और मजबूत बनाएगी।

अटकी हुई परियोजना को मिली रफ्तार

भाजपा सरकार ने बसपा और सपा सरकारों में अटकी भर्ती प्रक्रियाओं को भी आगे बढ़ाया। वर्ष 2011 में उपनिरीक्षक, प्लाटून कमांडर और समकक्ष के 1003 पदों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत भर्ती कराई गई। वहीं, 2013 में हाईकोर्ट के निर्देश पर सिपाही नागरिक पुलिस के 4098, पीएसी के 615 और फायरमैन के 785 पदों पर भर्ती पूरी की गई। इसके अलावा, सीधी भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित कर सिपाही नागरिक पुलिस के 34,716 और उपनिरीक्षक भर्ती 2016 के तहत 2,486 पदों पर नियुक्ति की गई। इससे लंबित भर्तियों को गति मिली।

खिलाड़ियों के लिए सुनहरा मौका

खिलाड़ी कोटे के अंतर्गत 491 सिपाहियों की भर्ती की गई, जिनमें 313 पुरुष और 178 महिलाएं शामिल हैं। वहीं, मृतक आश्रित कोटे के तहत उपनिरीक्षक से लेकर सिपाही तक के विभिन्न पदों पर कुल 3,794 नियुक्तियां की गईं। इसके अतिरिक्त, 5,805 जेल वार्डर और घुड़सवार पुलिसकर्मियों की भी भर्ती की गई है।