fraud करने वाले समिति प्रबंधक पर पुलिस ने किया मामला दर्ज

स्वतंत्र समय, छतरपुर

चोर चोरी से जाये सीना जोरी से न जाये की कहावत समिति प्रबंधक मनकारी रामचरन पटेल पर सही साबित हो रही है, जिन्होंने अपनी जमीन दूसरे की जमीन की चौहद्दी दर्शाकर ऊँचे दामों में बेच दी। जब इस फर्जीवाड़े ( fraud ) का राज खुला तो सभी भौचक्के रह गये। घटना की रिपोर्ट महाराजपुर थाने में की गई जिस पर पुलिस ने समिति प्रबंधक सहित एक अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर दिया है लेकिन अभी तक इस समिति प्रबंधक की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

क्या है fraud मामला

धोखाधड़ी ( fraud ) के शिकार रामबाबू सिंह परिहार ने महाराजपुर थाने में दी गई अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने मनकारी समिति प्रबंधक रामचरन पटेल से 2023 में भूमि खसरा नं.66/1, 75/1, 77/4, 78/4, 78/8, 78/11, 79/3, 80/1, 80/2, 80/5, 89/1 मौजा गुदारा से जमीन क्रय की थी। उक्त भूमि को रजिस्ट्री में डामर रोड से लगा हुआ दिखाया गया है। रोड से लगी हुई भूमि के हिसाब से राशि का भुगतान किया गया। श्री परिहार जब रजिस्ट्री कराने के बाद उक्त भूमि पर कब्जा लेने पटवारी को लेकर पहुंचे तो ज्ञात हुआ कि यह भूमि किसी और की है। पटवारी जांच में भूमि कहीं और है। जमीन रोड पर न होकर काफी दूर पाई गई। इस प्रकार समिति प्रबंधक जानबूझकर किसी और की जमीन दिखाते हुये एवं रजिस्ट्री में गलत चौहद्दी दर्शाते हुये अपनी जमीन बेच दी जो सरेआम धोखाधड़ी है। पुलिस जांच में भी समिति प्रबंधक द्वारा फर्जीवाड़ा करना पाया गया जिसके आधार पर पुलिस ने रामचरन पटेल एवं गुदारा निवासी रामकेश पिता रामप्रसाद सेन के खिलाफ धारा 420, 34 का अपराध कायम कर लिया है।

एपीओ ने भी माना कि हुआ फर्जीवाड़ा

इस फर्जीवाड़े के शिकार हुये श्री परिहार ने बताया कि एपीओ द्वारा की गयी जांच में भी समिति प्रबंधक के विरूद्ध फर्जीवाड़ा करना साबित हुआ है। उन्होंने अपनी जांच प्रतिवेदन में इसकी पुष्टि की है।

पूर्व में भी हो चुकी हैं धोखाधड़ी की एफआईआर

लोगों ने बताया कि इस समिति प्रबंधक के खिलाफ पूर्व में भी धोखाधड़ी की एफआईआर हो चुकी है। अब पुन: इस समिति प्रबंधक के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध कायम किया जा चुका है ऐसे में सहकारी बैंक के प्रशासक एवं कलेक्टर संदीप जीआर एवं महाप्रबंधक आर.एस.भदौरिया को चाहिए कि वे इस समिति प्रबंधक को हटाकर किसी दूसरे ईमानदार समिति प्रबंधक को पदस्थ करना चाहिए ताकि किसानों की व्याजमाफी में जो फर्जीवाड़ा हुआ है वह भी सामने लाया जा सके।