केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लगातार दौरों से गर्माया राजनीतिक माहौल

स्वतंत्र समय, कोलारस

पूर्व के लोकसभा चुनाव में डॉ केपी यादव से हारने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में कई महिनों से सक्रिय हो गए हैं। पूरे मध्यप्रदेश में गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट पर सभी नेताओं की विशेष नजर रहती है। राजा और महाराजा के प्रभाव वाली सीट होने के कारण यहां राजनितिक खींचतान चरम सीमा पर रहती है। वैसे तो इस सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया अजेय योद्धा रहे थे। पूर्व विधायक हरिबल्लव शुक्ला, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, पूर्व विधायक स्व राव देशराज सिंह जैसे दिग्गज नेताओं को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उक्त सीट से करारी हार दी। किंतु पूर्व के लोकसभा चुनाव में केपी यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को हरा दिया था। किंतु केपी यादव इस क्षेत्र में वो विकास नहीं करा सके जिसकी जनता को अपेक्षा थी। न ही वे इस क्षेत्र में अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं की बड़ी टीम एकत्रित कर सके। जिसके चलते बहुत बड़ी जीत को भुनाने में वे काफी हद तक सफल न हो सके। एक बार फिर गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में बड़े बड़े दिग्गज अपना भाग्य आजमाने को आतुर हैं। कांग्रेस की ओर से केवल पूर्व मंत्री केपी सिंह और पूर्व विधायक वीरेंद्र रघुवंशी का नाम प्रमुखता से उभरकर सामने आ रहा है। राधौगढ़ किले से काक्काजू के नजदीकी संबंध होने के कारण उनको टिकिट मिलने की संभावना अधिक है। किंतु भाजपा की ओर से इस लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वर्तमान सांसद केपी यादव, गृह मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा, ब्राह्मण समाज के प्रदेश संयोजक रामजी व्यास, कोलारस विधायक महेंद्र यादव के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं। हालांकि इस बार भी मोदी लहर चलने की पूरी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि भाजपा की ओर से एक बड़ी टोली गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से अपनी प्रबल दावेदारी पेश कर रही है।