उज्जैन सिंहस्थ-2028 पर सियासी घमासान! BJP विधायक एक-दूसरे के आमने-सामने

मध्य प्रदेश के उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भव्य आयोजन की तैयारी शुरू कर दी है। इस बार साधु-संतों के लिए पक्के भवन बनाने का फैसला लिया गया है। हालांकि, इस फैसले के खिलाफ बीजेपी के विधायक सामने आ गए हैं और इसे लेकर सियासी विवाद गहराने लगा है।

क्या है बीजेपी विधायकों का विरोध?

उज्जैन के बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय ने सरकार के फैसले पर ऐतराज जताया है। उनका कहना है कि किसानों की जमीन जबरदस्ती अधिग्रहित की जा रही है, जो कि गलत है। वे सवाल उठाते हैं कि टेंट सिटी की जगह पक्के निर्माण की क्या आवश्यकता है? मालवीय का कहना है कि पहले मेला खत्म होने के बाद किसानों की ज़मीन वापस मिल जाती थी, लेकिन अब यह स्थिति बदल रही है, जिससे किसान डरे हुए हैं।

विधायक अनिल जैन का समर्थन

चिंतामणि मालवीय के बयान के बाद उज्जैन से ही बीजेपी के दूसरे विधायक अनिल जैन खड़े हो गए और मोहन सरकार के फैसले का समर्थन किया। उनका कहना था कि सिंहस्थ का आयोजन उनके क्षेत्र में हो रहा है, और विकास के पक्षधर होने के नाते वे किसानों को बेहतर सुविधाएं देने का समर्थन करते हैं।

कांग्रेस भी आ गई हमलावर

वहीं, कांग्रेस के विधायक महेश परमार ने भी इस मामले पर सरकार को घेरा और कहा कि अब तो बीजेपी के विधायक भी किसानों की जमीन अधिग्रहण पर सवाल उठा रहे हैं। उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने इसे लेकर सरकार को चेतावनी दी कि वह इस मामले में तुरंत कार्रवाई करें।

सिंहस्थ की भव्य तैयारी में होगा विशाल बजट

सिंहस्थ-2028 को भव्य बनाने के लिए सरकार ने 2,000 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इस बार मेला क्षेत्र में 200 एमएलडी पेयजल क्षमता का विकास किया जाएगा, साथ ही अस्थायी और स्थायी अस्पतालों की व्यवस्था, ट्रॉमा सेंटर, एंबुलेंस सेवा जैसी सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

विधानसभा में यह विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। सरकार की तैयारियों को लेकर सियासी बवाल बढ़ता जा रहा है, जिसमें बीजेपी के ही विधायक आमने-सामने आ गए हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर सरकार की प्रतिक्रिया क्या होगी।