हमीदिया अस्पताल का नाम बदलने पर सियासत गरमाई! भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने

भोपाल रियासत के नवाब हमीदुल्ला के नाम से बने एमपी के सबसे बड़े सरकारी हमीदिया हॉस्पिटल के नाम बदलने को लेकर सियासत गरमा गई है। विवाद इतना बढ़ गया है कि भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने हो गई है। नौबत हाथा पाई तक आ गई है।

बता दें कि भोपाल में अस्पताल, स्कूल, कॉलेज के नाम नवाब हमीदुल्ला के नाम पर है। इनका नाम राष्ट्रभक्तों के नाम पर रखने की मांग की जा रही है। इनके नाम बदलने का प्रस्ताव भी पास हो चुका है। इस प्रस्ताव को प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा। इसे लेकर भोपाल निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिख चुके है। साथ ही वे व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री से मिलने वाले है।

निगम अध्यक्ष के मुताबिक, इतिहास में दर्ज है कि भोपाल रियासत के नवाब हमीदुल्ला ने आजादी के बाद 2 साल तक भोपाल को भारत में विलय नहीं होने दिया था, बल्कि वे भोपाल को पाकिस्तान में शामिल करना चाहते थे। वे पाकिस्तान का वजीर बनना चाहते थे। उस वक्त देशभक्तों को विलिनीकरण आंदोलन चलाना पड़ा था। नवाब हमीदुल्ला ने आंदोलन करने वाले राष्ट्रभक्तों पर गोलियां चलवाई थी।

साथ ही निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने जून में भी सीएम को पत्र में नवाब हमीदुल्ला के नाम पर भोपाल में संचालित अस्पताल, कॉलेज और स्कूल को नाम बदलकर राष्ट्रभक्तों के नाम पर किए जाने की मांग की थी। साथ ही उन्होंने ये भी लिखा है कि – निगम को सड़को और चौराहों के नामकरण करने का अधिकार है।

इसलिए सितंबर-23 में हमीदिया रोड़ का नाम बदलकर गुरूनानक मार्ग कर दिया गया है। लेकिन स्कूल,कॉलेज और अस्पताल समेत अन्य संस्थाओं के नाम बदलने का अधिकार भोपाल नगर निगम को नहीं है। इसलिए सीए डॉ. मोहन यादव इन्हें बदले।