दिल्ली-एनसीआर में बढ़ा प्रदूषण और ठंड का असर, हवा में घुला जहर, सड़कों पर दिखी धुंध की चादर, AQI 380 के पार

दिल्ली-एनसीआर में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। तापमान में गिरावट के साथ ठंड का असर बढ़ने लगा है, वहीं प्रदूषण ने भी हालात बिगाड़ दिए हैं। 30 अक्टूबर की सुबह राजधानी के कई हिस्सों में हल्का कोहरा और घनी धुंध देखने को मिली, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई और लोगों को सफर में परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह के समय वाहनों की हेडलाइट्स जलाकर ड्राइव करनी पड़ी। हवा की रफ्तार कम होने के कारण प्रदूषक कण वातावरण में फैलने के बजाय जमीन के पास ही जमने लगे हैं, जिससे हवा और अधिक जहरीली हो गई है।

राजधानी में AQI ‘Very Poor’ श्रेणी में, सांस लेना हुआ मुश्किल

दिल्ली के लगभग सभी इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बेहद खराब स्तर पर पहुंच गया है। कई जगहों पर स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। वजीरपुर में AQI 389, रोहिणी में 381, अशोक विहार में 376, सिरिफोर्ट में 369 और सोनीया विहार में 365 दर्ज किया गया है। ये सभी क्षेत्र ‘Very Poor’ कैटेगरी में आते हैं। वहीं, पंजाबी बाग (359), आरके पुरम (361) और मांडिर मार्ग (336) में भी हवा की स्थिति संतोषजनक नहीं है। कुछ क्षेत्रों जैसे आईजीआई एयरपोर्ट (297) और लोदी रोड (256) में हालात थोड़े बेहतर जरूर हैं, लेकिन यहां भी हवा ‘Poor’ श्रेणी से ऊपर नहीं जा सकी है। लगातार खराब होती एयर क्वालिटी के कारण लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई जैसी शिकायतें बढ़ती जा रही हैं।

मौसम विभाग ने जताई बादल और बूंदाबांदी की संभावना

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से उत्तर भारत के कई पहाड़ी इलाकों में बारिश की संभावना है। इसका असर दिल्ली-एनसीआर के मौसम पर भी पड़ेगा। दिनभर आसमान में बादल छाए रह सकते हैं और कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली में आज अधिकतम तापमान 27 से 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 17 से 21 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। सुबह के समय धुंध घनी रहेगी और दृश्यता दोपहर तक प्रभावित रहने की संभावना है, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है।

4 नवंबर तक राहत की उम्मीद नहीं, बढ़ सकता है प्रदूषण का असर

IMD का अनुमान है कि आने वाले कुछ दिनों तक मौसम में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। हवा की रफ्तार करीब 10 किलोमीटर प्रति घंटे तक सीमित रहने के कारण प्रदूषण का स्तर कम होने के आसार बेहद कम हैं। प्रदूषक तत्व वातावरण में बने रहेंगे और हवा की गुणवत्ता और भी बिगड़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी और हवा की दिशा धीमी होगी, प्रदूषण का असर और ज्यादा गंभीर हो जाएगा।

स्वास्थ्य पर पड़ रहा है असर, विशेषज्ञों ने दी सावधानी बरतने की सलाह

दिल्ली की जहरीली हवा अब लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर डाल रही है। अस्पतालों में सांस की तकलीफ, एलर्जी, आंखों में जलन और अस्थमा के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। डॉक्टरों का कहना है कि जिन लोगों को पहले से फेफड़ों की बीमारी या हृदय संबंधी समस्या है, उन्हें इस मौसम में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। सुबह और शाम के समय बाहर निकलने से बचें, घरों में एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हवा की स्थिति ऐसे ही बनी रही तो अगले सप्ताह तक ‘क्लीन एयर’ की उम्मीद करना मुश्किल है। सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, तभी दिल्ली-एनसीआर फिर से स्वच्छ हवा में सांस ले सकेगा।