तालाब संरक्षण और एसटीपी निर्माण को मिली प्राथमिकता, महापौर ने लिया कार्यों का पूरा अपडेट

प्रदेशभर में चल रहे सड़क, पुल और अधोसंरचना विकास कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में विस्तृत समीक्षा की। बैठक में विभागीय योजनाओं, प्रगति, भविष्य की प्राथमिकताओं और नवाचारों पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि हर सड़क और हर परियोजना राज्यवासियों के जीवन को सुविधाजनक, सुरक्षित और विकसित बनाने की हमारी प्रतिबद्धता का हिस्सा है।

सड़कें विकास का आधार, सिर्फ यातायात का साधन नहीं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में कहा कि सड़कें केवल यात्रा का माध्यम नहीं, बल्कि प्रदेश के आर्थिक, सामाजिक, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक विकास की नींव हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी परियोजनाएँ जनता की आवश्यकताओं को केंद्र में रखकर समयसीमा में पूर्ण हों और गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कमी न आए।

‘लोक निर्माण से लोक कल्याण’ की अवधारणा को मैदान में उतारने की बात

मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा अपनाए गए नवाचारों और कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि राज्य का व्यापक विकास तभी संभव है जब अधोसंरचना मजबूत और दूरदर्शी दृष्टिकोण पर आधारित हो। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयास “लोक निर्माण से लोक कल्याण” की भावना को वास्तविकता में बदल रहे हैं।

मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों और हाईवे नेटवर्क को मजबूत बनाने पर ज़ोर

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर की तरह जबलपुर और ग्वालियर को भी जल्द ही मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र घोषित किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि इन क्षेत्रों में राजमार्गों की घनत्व क्षमता बढ़ाई जाए ताकि शहरी, ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों को समान रूप से अधोसंरचना का लाभ मिल सके।
इसके लिए एक विस्तृत विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने और स्थानीय मांगों को भी शामिल करने के निर्देश दिए गए।

ग्रीन बिल्डिंग और पर्यावरण समन्वय पर विशेष फोकस

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर निर्माण कार्य में पर्यावरण संरक्षण प्राथमिकता पर रहे। उन्होंने भवन निर्माण में ग्रीन बिल्डिंग मॉडल अपनाने, सूर्य प्रकाश एवं वायु संचलन जैसे प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग को अधिकतम करने, तथा बिजली–पानी की बचत सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई।

एक्सप्रेस-वे और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए व्यापक योजना

डॉ. यादव ने कहा कि आधुनिक समय की आवश्यकता के अनुसार एक्सप्रेस-वे और हाई-स्पीड कॉरिडोर का निर्माण तेजी से किया जाए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए फ्लाईओवर, अंडरपास, सर्विस लेन और बेहतर यातायात संरचना शामिल करने के निर्देश दिए।

सिंहस्थ–2028 को ध्यान में रखकर तेज़ी से कार्य

बैठक में बताया गया कि सिंहस्थ–2028 के लिए आवश्यक निर्माण कार्य प्राथमिकता पर आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी कार्यों को जून-2027 तक हर हाल में पूरा किया जाए।

लोकपथ ऐप: 99.6% शिकायत समाधान के साथ बड़ी उपलब्धि

बैठक में बताया गया कि “लोकपथ” मोबाइल ऐप के माध्यम से प्राप्त 12,212 शिकायतों में से 12,166 शिकायतों का समाधान कर विभाग ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। मुख्यमंत्री ने ऐप की सराहना करते हुए कहा कि इसमें रियल टाइम रोड कंडीशन अपडेट और व्यापक प्रचार–प्रसार सुनिश्चित किया जाए।

एमपीआरडीसी और बीडीसी की कार्यप्रगति की अलग समीक्षा

बैठक में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एमपीआरडीसी और भवन विकास निगम (बीडीसी) के संचालक मंडल की बैठक भी हुई। दोनों संस्थाओं ने चल रहे कार्यों तथा आगामी योजनाओं का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। विभाग ने अवगत कराया कि पीएम गतिशक्ति प्लेटफॉर्म और BISAG-N का उपयोग परियोजनाओं की वैज्ञानिक योजना एवं मॉनिटरिंग में किया जा रहा है।

पिछले दो वर्षों में विभाग की प्रमुख उपलब्धियाँ
1. रिकॉर्ड स्तर पर 12 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण

दो वर्षों में 12,000 किमी सड़कों का निर्माण, उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण कर मध्यप्रदेश का 77,268 किमी सड़क नेटवर्क देश के प्रमुख राज्यों की श्रेणी में पहुँच गया।

2. वित्तीय लक्ष्य का 99% निष्पादन

वित्तीय वर्ष 2024–25 में समयबद्ध क्रियान्वयन और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के साथ लगभग सभी योजनाएँ निर्धारित लक्ष्य तक पहुँचीं।

3. बड़े शहरों में मेगा कॉरिडोर का विकास

जबलपुर का 6.9 किमी दमोह नाका–मदनमहल–मेडिकल रोड एलिवेटेड कॉरिडोर, भोपाल में डॉ. अंबेडकर फ्लाईओवर और 15.1 किमी एसपीएम नगर मार्ग जैसे बड़े कॉरिडोर समय पर पूरे किए गए।

4. स्वास्थ्य और शिक्षा अधोसंरचना में उछाल

3 नए मेडिकल कॉलेज, 136 विद्यालय भवनों का निर्माण और दो जिला न्यायालय भवन पूरे किए गए।

5. लोक कल्याण सरोवर—एक अभिनव जल संरक्षण मॉडल

पूरे प्रदेश में 506 “लोक कल्याण सरोवर” का निर्माण किया गया, जिससे निर्माण सामग्री के पुनः उपयोग और जल संरक्षण का संयुक्त मॉडल विकसित हुआ।

6. नवाचारों में मध्यप्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया

पीएम गतिशक्ति आधारित GIS मास्टर प्लान, LPMS, जियो-मैपिंग, एरियल डिस्टेंस आधारित रोड प्लानिंग और आधुनिक मरम्मत तकनीकें अपनाकर विभाग ने पारदर्शिता एवं तकनीकी दक्षता में नया कीर्तिमान स्थापित किया।

7. पर्यावरण संरक्षण में उल्लेखनीय कार्य

प्रदेशभर में 2.57 लाख पौधारोपण, 1271 पेड़ों का सफल स्थलांतर, 10 भवनों में सौर ऊर्जा प्लांट और 689 भवनों में 6.5 MW क्षमता स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है।

आगामी तीन वर्षों की बड़ी योजना

  • राज्य वित्त पोषित एक्सप्रेस-वे मॉडल पर इंदौर–उज्जैन, उज्जैन–इंदौर और भोपाल पूर्वी बायपास जैसे हाई-स्पीड कॉरिडोर।
  • सिंहस्थ–2028 के लिए 12,000 करोड़ रुपये के 52 प्रमुख कार्य।
  • औद्योगिक–कृषि–लॉजिस्टिक कॉरिडोर को जोड़ने वाले ग्रीनफील्ड हाईवे नेटवर्क।
  • 600 नए लोक कल्याण सरोवर का निर्माण।
  • सभी विभागीय एसेट्स को पूरी तरह डिजिटल और जियो-रेफरेंस्ड बनाना।
  • AI आधारित गुणवत्ता नियंत्रण और फील्ड मॉनिटरिंग को मजबूती देना।
  • शहरी ट्रैफिक समाधान के लिए नए R.O.B., फ्लाईओवर, बायपास और स्मार्ट कॉरिडोर का विकास।