स्वतंत्र समय, इंदौर
इंदौर में कांग्रेस ने अक्षय कांति बम ( akshay bam ) वांटेड के पोस्टर शहर भर में लगा दिए हैं। कांग्रेस ने कहा, अक्षय को गिरफ्तार करने और पुलिस का सहयोग करने के लिए पोस्टर लगाए हैं। निगरानी के लिए उडऩदस्ते का भी गठन किया है। शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं मप्र राजीव विकास केंद्र के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने कहा, अक्षय बम कांग्रेस पार्टी का भगोड़ा लोकसभा उम्मीदवार है। उस पर धारा 307 का आरोप भी है। अक्षय बम की सूचना देने वाले को 5100 रुपए का नकद इनाम और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया जाएगा।
akshay bam वांटेड के वाहनों समेत शहर में चिपकाए पोस्टर
कांग्रेस ने सैकड़ों की संख्या में ‘अक्षय बम ( akshay bam ) वांटेड’ के पोस्टर ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा सहित अन्य वाहनों पर चिपकाए हैं। साथ ही शहर के रेलवे स्टेशन, सरवटे बस स्टैंड, रीगल चौराहा, पलासिया चौराहा, तिलक नगर, एसओजी लाइन, यशवंत रोड, जयराम कॉलोनी सहित कई स्थानों पर चिपकाए हैं।
वारंट जारी होने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं हो रही
यादव ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा, सेशन कोर्ट से बम की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है। निचली अदालत ने बम और एक अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा 307 बढ़ाए जाने के बाद गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। तो बम को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है? कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? यादव ने बताया कि पूर्व में हमने खजराना थाना प्रभारी सुजित श्रीवास्तव को भी आरोपी अक्षय बम की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा था। तब उन्होंने कहा था कि हमारी टीम उसको गिरफ्तार करने के लिए लगी हुई है। कई जगहों पर छापामार कार्रवाई भी की गई है। गिरफ्तारी वारंट मिल चुका है। कानून अपना काम कर रहा है। सूचना मिलने पर जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा।
कोर्ट में पेश नहीं हुए थे अक्षय बम
इंदौर जिला कोर्ट ने अक्षय बम और उनके पिता कांति बम के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। 17 साल पुराने मामले में उनके खिलाफ धारा 307 बढ़ाई गई थी, जिसके बाद उन्हें 10 मई को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वे नदारद रहे। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार शर्मा की 30 नंबर कोर्ट ने उनकी जमानत खारिज कर दी थी।
यह है 17 साल पुराना मामला
अक्षय कांति बम पर जमीनी विवाद में 4 अक्टूबर 2007 को यूनुस खान के ऊपर हमला करने, मारपीट और धमकाने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। उस समय यूनुस पर गोली भी चलाई गई थी, लेकिन खजराना पुलिस ने तब स्नढ्ढक्र में हत्या के प्रयास की धारा नहीं जोड़ी थी। जिस दिन अक्षय कांति ने इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा उसी दिन कोर्ट के आदेश पर 17 साल पुराने इस मामले में अक्षय बम पर आईपीसी की धारा 307 लगाई गई। उन्हें इस मामले में 10 मई को कोर्ट में पेश करने का आदेश भी दिया गया था लेकिन वे नहीं पहुंचे थे।