प्रदोष काल में शिव और लक्ष्मी की कृपा पाने के विशेष ज्योतिषीय उपाय, जानें पूजा का सही समय और विधि

हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में समय के विशेष खंडों का बहुत महत्व है। इनमें से एक अत्यंत प्रभावशाली समय ‘प्रदोष काल’ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह वह समय होता है जब भगवान शिव कैलाश पर्वत पर प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते हैं। इसलिए, इस दौरान की गई पूजा और उपाय विशेष फलदाई माने जाते हैं।

प्रदोष काल केवल शिव पूजा ही नहीं, बल्कि धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए भी उत्तम माना गया है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, सूर्यास्त के तुरंत बाद का समय प्रदोष काल कहलाता है। यह अवधि सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू होकर सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक मानी जाती है।

प्रदोष काल का महत्व

शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव अत्यधिक प्रसन्नचित्त अवस्था में होते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस समय शिवलिंग पर जल या बेलपत्र अर्पित करने मात्र से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। जो व्यक्ति जीवन में आर्थिक तंगी या मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं, उनके लिए इस काल में किए गए उपाय राम बाण सिद्ध हो सकते हैं।

सुख-समृद्धि के लिए अचूक उपाय

ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदोष काल में कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं:

शिवलिंग का अभिषेक: प्रदोष काल में शिवलिंग का अभिषेक करना सबसे श्रेष्ठ उपाय है। यदि संभव हो तो दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल (पंचामृत) से अभिषेक करें। इससे न केवल स्वास्थ्य लाभ मिलता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होती है।

घी का दीपक: इस समय घर के मुख्य द्वार पर या पूजा स्थल पर गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती और मां लक्ष्मी का आगमन होता है।

धन प्राप्ति के लिए विशेष टोटके

आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए प्रदोष काल में किए गए उपाय विशेष रूप से प्रभावी होते हैं:

लक्ष्मी सूक्त का पाठ: प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा के बाद मां लक्ष्मी के ‘श्री सूक्त’ या ‘कनकधारा स्तोत्र’ का पाठ करना चाहिए। यह धन के मार्ग खोलने में सहायक माना जाता है।

सफेद वस्तुओं का दान: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस काल में सफेद वस्तुओं जैसे चावल, चीनी या दूध का दान करना शुभ होता है। इससे चंद्र ग्रह मजबूत होता है और मानसिक तनाव कम होता है।

नियमित पूजा का प्रभाव

विशेषज्ञों का कहना है कि ये उपाय केवल एक दिन के लिए नहीं, बल्कि नियमित रूप से या कम से कम प्रत्येक त्रयोदशी तिथि (प्रदोष व्रत) पर अवश्य करने चाहिए। नियमितता से किए गए इन उपायों से भगवान शिव और माता पार्वती के साथ-साथ देवी लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे घर में अन्न और धन की कमी नहीं रहती।

(अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिषीय जानकारियों पर आधारित है। किसी भी उपाय को करने से पहले अपने विवेक का प्रयोग करें या विशेषज्ञ से सलाह लें।)